श्रीमति योगिता चौरसिया ‘प्रेमा’
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☆ कविता ☆ प्रेमा के प्रेमिल सृजन… परशुराम जयंती विशेष – भगवान परशुराम ☆ श्रीमति योगिता चौरसिया ‘प्रेमा’ ☆
(परशुराम जयंती विशेष – 2 मई)
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अमर जयंती शुभ दिवस ,शुक्ल पक्ष तिथि आज।
परशुराम वह नाम है, शूर वीर के काज।।
शूर वीर के काज,विष्णु के जो अवतारी ।
पुत्र हुए मिल पाँच, पिता यह आज्ञाकारी।।
करे योगिता जाप,प्रगट है पूजें संती।
अक्षय मिले वरदान,मनातें अमर जयंती ।।1।।
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मात रेणुका हर्ष में , चहुँदिशि देख प्रकाश।
परशुराम जमदग्नि सुत,करते दूर निराश।।
करते दूर निराश, बढ़ी खुशियांँ जग भारी।
ओज शौर्य में पूर्ण, कहें सब फरसाधारी।।
कुल द्रोही बन आप,हुए भू अनालुंबुका।
पाप मिटाते पुत्र,नमन कर मात रेणुका।।2।।
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वंदन बारंबार है, योद्धा जन्में वीर।।
अस्त्र-शस्त्र संज्ञान से, कहलाते रणधीर।।
कहलाते रणधीर,तभी सब काँपे रिपु दल।
छटे विष्णु अवतार, कष्ट का देते सब हल।।
प्रेमा करें प्रणाम, तिलक कर माथे चंदन।
शुभ अक्षय शुचि प्राप्त, करें जो इनको वंदन।।3।।
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© श्रीमति योगिता चौरसिया ‘प्रेमा’
मंडला, मध्यप्रदेश
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈