डॉ कामना तिवारी श्रीवास्तव
(आज प्रस्तुत है डॉ कामना तिवारी श्रीवास्तव जी की महिला दिवस पर एक भावप्रवण रचना सुनो बेटियों, बहनों, सखियों पढ़ो लिखो बढ़ो। )
☆ महिला दिवस विशेष – सुनो बेटियों, बहनों, सखियों पढ़ो लिखो बढ़ो ☆
उन्नति के शीर्ष पर चढ़ो
नए आयाम गढ़ो
तुम्हें समान अधिकार है
तुम निकल सकती हो पुरुषों से भी आगे
बस इतना ध्यान रहे
टूटने ना पाए संस्कृति के धागे
अभागे लोग नहीं मानते संस्कृति संस्कार
उनके मन में नहीं उठता विचार
उठता है केवल विकार बल
बिना दायित्व के अधिकार
ये विकार नहीं तो क्या है?
अब कहने को क्या बचा है?
© डॉ कामना तिवारी श्रीवास्तव
मो 9479774486
≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈