प्रो. (डॉ.) शरद नारायण खरे
☆ महावीर जयंती विशेष – “हे ! महावीर” ☆ प्रो. (डॉ.) शरद नारायण खरे ☆
( महावीर जयंती 4 अप्रैल)
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महावीर कल्याणक तुमने दिया अहिंसा-गीत।
तुम हो मानवता के वाहक,सच्चाई के मीत।।
राजपाठ तुमने सब त्यागा,करने जग कल्याण।
हिंसा और को मारा, अधरम को नित वाण।।
जितीन्द्रिय तुम नीति-प्रणेता,तुम करुणा की जीत।
तुम हो मानवता के वाहक,सच्चाई के मीत।।
कठिन साधना तुमने साधी, तुम पाया था ज्ञान।
नवल चेतना,उजियारे से, किया पाप-अवसान।।
तुमने चोखा साधक बनकर,दिया हमें नवनीत।
तुम हो मानवता के वाहक,सच्चाई के मीत।।
नीति, रीति का मार्ग दिखाया, सत्य सार बतलाया।
मानवता के तु हो प्रहरी, रूप हमें है भाया।।
त्यागी तुम-सा और न देखा,खोजा बहुत अतीत।
तुम हो मानवता के वाहक,सच्चाई के मीत।।
भटक रहा था मनुज निरंतर, तुमने उसको साधा,
महावीर तुम,इंद्रिय-विजेता, परे भोग की बाधा।।
कर्म सिखाया,सदाचार भी,तुम हो भावातीत।
तुम हो मानवता के वाहक,सच्चाई के मीत।।
© प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे
प्राचार्य, शासकीय महिला स्नातक महाविद्यालय, मंडला, मप्र -481661
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