डॉ कामना तिवारी श्रीवास्तव ‘कौस्तुभ’
☆ कविता ☆ लेखक ☆ डॉ कामना तिवारी श्रीवास्तव ‘कौस्तुभ’ ☆
अनुभवों की पोटली
पीठ पर लादकर
कोई लेखक नहीं बनता
लेखक बनने के लिए
जरूरी नहीं कि तुमने
किसी युद्ध में भाग लिया है।
या की भूकंप की खबरें
देखी पड़ी हो
माना कि नदी के पूर ने
नहीं बहाया तुम्हारा कुछ
ना तो तुम
घड़ा बनाते हो ना बारिश
हां बारिश को
घड़े में भरकर
पानीदार होने का मुगालता
पाल सकते हो।
जरूरी नहीं कि तुम
लकड़हारे या मछुआरे बनो ।
बिना कुछ हुए भी तुम
रच सकते हो कविता
बशर्ते
तुम्हें भावनाएं हो
तो तुम भद्र हो
वरना अभद्र हो
© डॉ कामना तिवारी श्रीवास्तव ‘कौस्तुभ’
मो 9479774486
जबलपुर मध्य प्रदेश
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈