श्री अमरेंद्र नारायण

( आज प्रस्तुत है सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं  देश की एकता अखण्डता के लिए समर्पित व्यक्तित्व श्री अमरेंद्र नारायण जी की ओजस्वी कविताविजय सूर्य मुस्कायेगा! )

☆ विजय सूर्य मुस्कायेगा!  

कट जायेगा

यह कठिन समय कट जायेगा

कुहरे से निकलेगा सूरज

स्वर्णकिरण बिखरायेगा!

 

कट जायेगा

पुरुषार्थ की भट्ठी में तप कर

सारा तलछट कट जायेगा

कुंदन ही दमकता आयेगा!

 

कट जायेगा

संघर्ष,जूझने  की शक्ति से

चक्रवयूह कट जायेगा

शत्रु भी मुंहकी खायेगा

 

कट जायेगा

श्रद्धा भक्ति की महिमा से

मन का भी कलुष कट जायेगा

नर और निखर कर आयेगा!

 

कट जायेगा

जो लोग समझते हैं कायर

उनका भ्रम भी कट जायेगा

आक्रमणकारी पछतायेगा

 

कट जायेगा

संघर्ष एकता  शक्ति से

हर कुटिल जाल कट जायेगा

विजय सूर्य मुस्कायेगा!

 

©  श्री अमरेन्द्र नारायण 

२९ अगस्त २०२०

जबलपुर

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈
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