श्री दिव्यांशु शेखर
(युवा साहित्यकार श्री दिव्यांशु शेखर जी ने बिहार के सुपौल में अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पूर्ण की। आप मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। जब आप ग्यारहवीं कक्षा में थे, तब से ही आपने साहित्य सृजन प्रारम्भ कर दिया था। आपका प्रथम काव्य संग्रह “जिंदगी – एक चलचित्र” मई 2017 में प्रकाशित हुआ एवं प्रथम अङ्ग्रेज़ी उपन्यास “Too Close – Too Far” दिसंबर 2018 में प्रकाशित हुआ। ये पुस्तकें सभी प्रमुख ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर उपलब्ध हैं। आज प्रस्तुत है श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर आपकी कविता “हे कृष्ण! तेरे एक अवतार में कितने किरदार”। )
देवकी सुत भी, यशोदा पुत्र भी,
मथुरा निवासी भी, सर्वत्र वासी भी,
हजारों परिणीता भी, एक पत्नीव्रता भी,
प्रेम की सूरत भी, त्याग की मूरत भी,
राधा के गीत भी, गोपियों के मीत भी,
रुक्मणी से योग भी, मीरा के संयोग भी,
यारों के यार भी, बह्मांड के सूत्रधार भी,
कमजोरों के सँरक्षक भी, दुष्टों के भक्षक भी,
दूसरों के दर्द से अधीर भी, अपने लिए सख़्त कर्मवीर भी,
शांति के लिए रण छोड़ते भी, धर्म के लिए सीमा तोड़ते भी,
त्रिलोक के सबसे बड़े महारथी भी, महज एक सारथी भी,
अनेकों आरोपों से युक्त भी, सबके पापों को करते मुक्त भी,
सबसे निर्लिप्त भी, सँसार के पालन में संलिप्त भी,
नादान भक्तों के लिए हमेशा खड़े भी, विद्वानों के समझ से परे भी।
© दिव्यांशु शेखर
दिल्ली
बहुत सुन्दर कृष्ण छवि प्रस्तुति
Bahut khub bhai