सुश्री अंजली श्रीवास्तव
☆ कविता ☆ शांति शांति ☆ सुश्री अंजली श्रीवास्तव☆
बहुत हुआ रक्तपात अब ,वसुंधरा पुकारे शांति शांति,
हाहाकार मचा चतुर्दिक, अब हृदय पुकारे शांति शांति!
धुएँ में घुटता वायुमंडल, अब गगन पुकारे शांति शांति,
जीव जंतु कर रहे त्राहि त्राहि,वनस्पतियाँ पुकारें शांति शांति!
इस विनाश में कहाँ संभव है, मानव का कल्याण कभी,
अब तो युद्ध समाप्त करो, मानवता पुकारे शांति शांति!
© सुश्री अंजली श्रीवास्तव
26/11/2020
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≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈