श्री एस के कपूर “श्री हंस”
(बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री एस के कपूर “श्री हंस” जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत्त अधिकारी हैं। आप कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से पुरस्कृत/अलंकृत हैं। साहित्य एवं सामाजिक सेवाओं में आपका विशेष योगदान हैं। आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण एवं विचारणीय रचना ।।हर धड़कन में हिंदी, हिन्द, हिंदुस्तान चाहिये ।।)
☆ कविता – ?? गणतंत्र दिवस ?? हर धड़कन में हिंदी, हिन्द, हिंदुस्तान चाहिये ?? ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆
।।विधा।। मुक्तक।।
[1]
हर रंग से हमें रंगीन हिंदुस्तान चाहिये।
खिलते बाग बहार गुलिस्तान चाहिये।।
चाहिये विश्व में नाम ऊँचा भारत का।
विश्व गुरु भारत का ऊँचा सम्मान चाहिये।।
[2]
मंगल चांद को छूता भारत महान चाहिये।
अजेय अखंड विजेता हिंदुस्तान चाहिये।।
दुश्मन नज़र उठा कर देख भी ना सके।
हर शत्रु का हमको काम तमाम चाहिये।।
[3]
हमें गले मिलते राम और रहमान चाहिये।
एक दूजे के लिए प्रणाम सलाम चाहिये।।
चाहिये हमें मिल कर रहते हुए सब लोग।
एक दूजे के लिए दिलों में एतराम चाहिये।।
[4]
एक सौ पैंतीस करोड़ सुखी अवाम चाहिये।
कश्मीर कन्याकुमारी प्रेम का पैगाम चाहिये।।
चाहिये विविधता में एकता शक्ति दर्शन।
देश भक्ति सरीखा राष्ट्र में यशो गान चाहिये।।
[5]
पुरातन संस्कार मूल्यों का गुणगान चाहिये।
हर भारतवासी चेहरे पर गर्व मुस्कान चाहिये।।
चाहिये गौरव अभिमान अपने देश भारत पर।
हर धड़कन हिन्दी, हिन्द का ही पैगाम चाहिये।।
© एस के कपूर “श्री हंस”
बरेली
मोब – 9897071046, 8218685464