महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद : द्वारा प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत ….पूर्वमेघः ॥१.२१॥ ☆

नीपं दृष्ट्वा हरितकपिशं केसरैर अर्धरूढैर

आविर्भूतप्रथममुकुलाः कन्दलीश चानुकच्चम

जग्ध्वारण्येष्व अधिकसुरभिं गन्धम आघ्राय चोर्व्याः

सारङ्गास ते जललवमुचः सूचयिष्यन्ति मार्गम॥१.२१॥

वहां अर्ध मुकुलित हरित नीप तरु देख

कुसुमित कदलि भक्ष , पा गंध प्यारा

हाथी,हरिण,भ्रमर,चातक सभी मुग्ध

घन , पथ प्रदर्शन करेंगे तुम्हारा

© प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’   

A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments