महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद : द्वारा प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत ….पूर्वमेघः ॥१.३९॥ ☆
पादन्यासैः क्वणितरशनास तत्र लीलावधूतै
रत्नच्चायाखचितवलिभिश चामरैः क्लान्तहस्ताः
वेश्यास त्वत्तो नखपदसुखान प्राप्य वर्षाग्रबिन्दून
आमोक्ष्यन्ते त्वयि मधुकरश्रेणिदीर्घान कटक्षान॥१.३९॥
वहां चरण निक्षेप से क्वणित रसना
जड़ित चँवरधारे , थके हाथ वाली
नखक्षत सुखद मेहकण पा लखेंगी
भ्रमर पंक्ति नयना तुम्हें देवदासी
© प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८
≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈