महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद : द्वारा प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत ….पूर्वमेघः ॥१.४०॥ ☆
पश्चाद उच्चैर्भुजतरुवनं मण्डलेनाभ्लीनः
सांध्यं तेजः प्रतिनवजपापुष्परक्तं दधानः
नृत्तारम्भे हर पशुपतेर आर्द्रनागाजिनेच्चां
शान्तोद्वेगस्तिमितनयनं दृष्टभक्तिर भवान्या॥१.४०॥
फिर नृत्य में उठे भुजतरु शिखर लिप्त
हो , शंभु के धर जुही सांध्य लाली
हर गज अजिन आद्र परिधान इच्छा
लखें भक्ति , सस्मितवदन तव , भवानी
© प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८
≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈