प्रो. (डॉ.) शरद नारायण खरे
☆ – अटल बिहारी जी के दोहे – ☆ प्रो. (डॉ.) शरद नारायण खरे
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अटल दिव्यता के धनी, किया दिलों पर राज।
सदियों तक होगा हमें, महारत्न पर नाज।।
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विनय भाव गहना रहा, प्रतिभा का संसार।
भारत मां के आंगना, फैलाया उजियार।।
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राजनीति के दिव्यजन, देशभक्ति-आयाम।
दमका लेकर दिव्यता, अटल बिहारी नाम।।
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कवि बनकर साहित्य की, रक्खी हरदम लाज।
कविता के सुर-ताल थे, वाणी के अधिराज।।
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संसद के बेटे खरे, गरिमा के उत्कर्ष।
युग को वे देते रहे, अंतिम क्षण तक हर्ष।।
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संघर्षी जीवन रहा, थे गुदड़ी के लाल।
अटल बिहारी सूर्य-से, काटा तम का जाल।।
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महा राष्ट्रनायक बने, शासन के सिरमौर।
राष्ट्र-प्रगति के केंद्र बन, दिया शांति को ठौर।।
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अटल बिहारी के लिए, है सबको सम्मान।
उनके तो गुण गा रहा, देखो सकल जहान।।
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हिंदी के सम्मान का, नारा किया बुलंद।
राष्ट्र संघ तक थी पहुंच, हुए पड़ोसी मंद।।
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जन्मदिन पर है नमन, बोलें सब जयकार।
अटल नाम नित ही अटल, जो मां का श्रंगार।।
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© प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे
प्राचार्य, शासकीय महिला स्नातक महाविद्यालय, मंडला, मप्र -481661
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