श्री सुनील देशपांडे

☆ “विवाह मंगल गीत…” ☆ श्री सुनील देशपांडे ☆

मंगलमय हो, हर दिन हर क्षण, मंगलमय हो  जीवन सारा

आज सभी हम आशिष देते, शुभमंगल सहजीवन सारा । 

बरसे आग किसीके मुखसे,

दूजा मुख बरसाये पानी।

हाथ एकका बढे पोछने,

ऑंख दूजेकी बरसे पानी।

सहजीवन का अर्थ यही है, आशिष साथ सदा है हमारा।

शुभमंगल सावधान बोलो, मंगलमय हो  जीवन सारा

दिन अच्छे हो या बूरे हो,

आते जाते रहते ही है ।

कसकर थामो हाथ दूजेका,

सहजीवन ये तब टिकता है।

जीवन की है यही कहानी, घर घर मे है यही नजारा।

शुभमंगल सावधान बोलो, मंगलमय हो  जीवन सारा।

नफरतका जब त्याग करे तो,

मनमें प्यार ही प्यार रहेगा।

क्रोध जहरको पी सकते तो,

मनमे अमृत ही बरसेगा।

सावधचित्त सुनो ये जुबानी, सुखही सुख बरसे तब सारा।

शुभमंगल सावधान बोलो, मंगलमय हो  जीवन सारा

मंगलमय हो, हर दिन हर क्षण, मंगलमय हो  जीवन सारा

आज यहीं हम चाहे हर दिन, शुभमंगल  सहजीवन सारा।

© श्री सुनील देशपांडे

मो – 9657709640

email : [email protected]

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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