श्री आशिष मुळे

☆ कविता ☆ “प्यार का कानून” ☆ श्री आशिष मुळे ☆

जाना चाहो तो वह भी सही

आना चाहो तो वह भी सही

प्यार के कोई कानून नहीं होते है

सच्चे दिलों में कभी फासले नहीं होते हैं ।

 

वक्त मगर सबके अलग होते हैं

विकल्प हमेशा टेढ़े होते हैं

प्यार के रास्ते सबके अलग है

मगर मुकाम हमेशा एक है ।

 

हम तो बैठे है उसी मुकाम पर

आज नहीं तो कल मिलेंगे मंजिल पर

आज का बिछड़ना अगर तय है

तो कल का मिलना थोड़ी नामुमकिन है ।

 

जाते हो तो दिल छोटा ना करना

आते हो तो फिक्र ना करना 

खुद को संभालना हमारी फितरत हैं

और तुम्हे संभालना हमारा जुनून है ।

 

© श्री आशिष मुळे

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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