डॉ निशा अग्रवाल
☆ कविता – “मैं कौन हूँ?” ☆ डॉ निशा अग्रवाल ☆
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मैं अपना परिचय क्या दूँ,
कि मैं क्या हूँ, मैं कौन हूँ?
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मैं एक विचार, एक धारा हूँ,
सपनों से जुड़ा, एक धागा हूँ।
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मेरे मन में सागर की गहराई,
विचारों में अंबर की ऊँचाई।
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परिवर्तन की मैं पुकार हूँ,
नव-निर्माण की मैं रफ्तार हूँ।
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मैं स्वप्न हूँ उन आँखों की,
जो खोज रहे राह जीवन की।
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मैं दीप हूँ उस अंधकार में,
जहां हर तरफ है बस निराशा ही निराशा।
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मैं समय के संग चलती हूँ,
हर दिन कुछ नया रचती हूँ।
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मैं कर्म का प्रतीक, मैं मात्र एक प्रयास हूँ,
जीवन के हर पल का विश्वास हूँ।
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तो कैसे दूं मैं अपना परिचय,
कि मैं क्या हूँ, मैं कौन हूँ?
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मैं बस वो हूँ, जो जी रही हूँ,
अपने अस्तित्व की पहचान खोज रही हूँ।
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© डॉ निशा अग्रवाल
शिक्षाविद, पाठयपुस्तक लेखिका जयपुर, राजस्थान
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈