महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद : द्वारा प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत ….पूर्वमेघः ॥१.११॥ ☆
कर्तुं यच च प्रभवति महीम उच्चिलीन्ध्राम अवन्ध्यां
तच च्रुत्वा ते श्रवणसुभगं गर्जितं मानसोत्काः
आ कैलासाद बिसकिसलयच्चेदपाथेयवन्तः
संपत्स्यन्ते नभसि भवतो राजहंसाः सहायाः॥१.११॥
सुन कर्ण प्रिय घोष यह प्रिय तुम्हारा
जो करता धरा को हरा, पुष्पशाली
कैलाश तक साथ देते उड़ेंगे
कमल नाल ले हंस मानस प्रवासी
© प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८
≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈