हिन्दी साहित्य – नवरात्रि विशेष – कविता – ग़ज़ल/गीतिका ☆ – माँ का  उपवास ☆ – डॉ. अंजना सिंह सेंगर

डॉ. अंजना सिंह सेंगर

 

(आज प्रस्तुत है  डॉ. अंजना सिंह सेंगर जी  द्वारा रचित  नवरात्रि पर्व पर  माँ दुर्गा देवी  जी को  समर्पित  ग़ज़ल/गीतिका  – माँ का  उपवास)

 

☆ ग़ज़ल/गीतिका  – माँ का  उपवास  

 

माँ का जब उपवास करोगे,

ख़ुशियों का आभास करोगे।

 

मन  में  श्रद्धा-भाव  जगेंगे,

पूजन पर विश्वास करोगे।

 

यश, वैभव, आशीष मिलेगा,

जीवन  हर्षोल्लास   करोगे।

 

माँ मंत्रों को रोज जपोगे,

हर संकट का नाश करोगे।

 

मृत्यु लोक से मोक्ष मिलेगा,

माँ चरणों में वास करोगे।

 

मंज़िल से आगे पहुँचोगे,

जीवन को इतिहास करोगे।

 

आज चलो फिर ये प्रण ले लो,

हर दुर्गुण का ह्रास करोगे।

 

©  डॉ. अंजना सिंह सेंगर  

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