श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”

(सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” जी का  हिन्दी बाल -साहित्य  एवं  हिन्दी साहित्य  की अन्य विधाओं में विशिष्ट योगदान हैं।आज प्रस्तुत है डॉ. नीनासिंह सोलंकी जी  के बाल कथा संग्रह “टीनू का पुस्तकालय” की पुस्तक समीक्षा।)

☆ बाल कथा संग्रह – ‘टीनू का पुस्तकालय‘ – डॉ. नीनासिंह सोलंकी  ☆ समीक्षा – श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’’  ☆

 

कथा-संग्रह  – टीनू का पुस्तकालय

उपन्यासकार- डॉ. नीनासिंह सोलंकी 

प्रकाशक- संदर्भ प्रकाशन, भोपाल (मप्र) मोबाइल नंबर 94244 69015 

पृष्ठ संख्या-72 

मूल्य-₹ 200

समीक्षक- ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’

☆ समीक्षा- प्रवाह से भरपूर कहानियां ☆

कहानी कहने का सलीका होना चाहिए। तब यह बात कोई मायने नहीं रखती है कि आप नए कथाकार हो अथवा पुराने। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। यह बात नवोदित कथाकार नीनासिंह सोलंकी पर फिट बैठती है।

टीनू का पुस्तकालय- आपका दूसरा कहानी संग्रह है। इस संग्रह में 12 कहानियां संग्रहित की गई हैं। प्रथम कहानी संग्रह की अपेक्षा दूसरे कहानी संग्रह में गुणात्मक रुप से सुधार हुआ है। भाषा, शैली, कथा, प्रवाह की दृष्टि से कहानी संग्रह बढ़िया बना है।

इसकी पहली कहानी-आदि के दादाजी, नाम से संकलित है। कहानी में दादाजी के महत्व को प्रतिपादित किया गया है। इस दृष्टि से कहानी बहुत ही अच्छी बनी है। इसका प्रवाह और अंत बहुत ही प्रभावी है।

पुस्तक आमुख के नाम की कहानी- टीनू का पुस्तकालय- पुस्तक की महत्व प्रदर्शित करती दूसरी कहानी है। यह पुस्तकालय के महत्त्व को रेखांकित करती है।

अनमोल उपहार- कहानी में उपहार के महत्व को प्रदर्शित करती हैं। यह कहानी बताती कैं कि विद्या से बढ़कर कोई उपहार नहीं होता है। अनमोल उपहार इसी महत्व को प्रदर्शित करती एक बेहतरीन कहानी है।

छोटी सी बात- पीती और नीति की दोस्ती के अनमोल पलों को प्रदर्शित करती है। छोटी सी बात पर दोस्ती टूट जाती है। फिर एक सहेली की सुझबुझ से वापस दोस्ती हो जाती है। यह संदेशपरक कहानी बढ़िया है।

बुलबुल समझ गई-में एक नए कथानक द्वारा पानी के महत्व को समझाया गया है। मध्यांतर के बाद वाला भाग ज्यादा उद्देशात्मक हो गया है। वही निया और मिनी की यात्रा- के बहाने ग्लोबल वार्मिंग और घटते ग्लेशियर के बारे में आपने बहुत ही बेहतर ढंग से कहानी में समझाया है।

मैरी क्रिसमस- एक स्वाभाविक गति से आगे बढ़ती हुई बेहतरीन कहानी है। इसमें कथा परवाह बहुत ही बेहतरीन हैं। वही बच्चों की किट्टी पार्टी- बड़ों की तर्ज पर बच्चों की किट्टी पार्टी एक नए कथानक पर रची गई है। इस नए कथानक पर रची गई कहानी बच्चों को बहुत पसंद आएगी।

चांद के पार- संवाद से भरपूर इस कहानी में बच्चों की जिज्ञासाओं का बहुत ही सहजता से उत्तर दिया गया है।

वही चीनी के दोस्त- बाल सुलभ जिज्ञासा के साथ पक्षियों से प्रेम जताती बेहतरीन कहानी है।

सूरज दौड़ गया- खेल प्रतियोगिता दौड़ पर आधारित एक अच्छी कहानी है। मगर प्लास्टर के बाद दौड़ना और प्रतियोगिता में भाग लेना कुछ हजम नहीं होता है। हेयर क्रेक के बाद बहुत दिनों तक दौड़ना मुश्किल है। यह एक तकनीकी पॉइंट है। इसके बावजूद कहानी बहुत बढ़िया बनी है।

अमरुद मीठे हैं- बच्चों की स्वाभाविक आदत के अनुसार एक बेहतरीन कहानी लिखी गई है। इसका घटनाक्रम भी स्वाभाविक लगता है।

कुल मिलाकर टीनू का पुस्तकालय की समस्त कहानियां अपने कथानक, भाषा, शैली, परवाह के साथ जिज्ञासायुक्त और बेहतरीन बनी है। पुस्तक की साजसज्जा, त्रुटिरहित छपाई बेहतरीन है। बच्चों के हिसाब से 72 पृष्ठ की पुस्तक का मूल्य ₹200 कुछ ज्यादा है।

© ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”

26-04-2023

मित्तल मोबाइल के पास, रतनगढ़,  जिला- नीमच (मध्य प्रदेश), पिनकोड-458226 

मोबाइल नंबर 7024047675, 8827985775

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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