श्री संजय भारद्वाज
(श्री संजय भारद्वाज जी – एक गंभीर व्यक्तित्व । जितना गहन अध्ययन उतना ही गंभीर लेखन। शब्दशिल्प इतना अद्भुत कि उनका पठन ही शब्दों – वाक्यों का आत्मसात हो जाना है।साहित्य उतना ही गंभीर है जितना उनका चिंतन और उतना ही उनका स्वभाव। संभवतः ये सभी शब्द आपस में संयोग रखते हैं और जीवन के अनुभव हमारे व्यक्तित्व पर अमिट छाप छोड़ जाते हैं। हम आपको प्रति रविवार उनके साप्ताहिक स्तम्भ – संजय उवाच शीर्षक के अंतर्गत उनकी चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुँचा रहे हैं। सप्ताह के अन्य दिवसों पर आप उनके मनन चिंतन को संजय दृष्टि के अंतर्गत पढ़ सकते हैं। )
प्रतिदिन श्री संजय भारद्वाज जी के विचारणीय आलेख एकात्मता के वैदिक अनुबंध : संदर्भ – उत्सव, मेला और तीर्थयात्रा श्रृंखलाबद्ध देने का मानस है। कृपया आत्मसात कीजिये।
संजय दृष्टि – एकात्मता के वैदिक अनुबंध : संदर्भ- उत्सव, मेला और तीर्थयात्रा भाग – 7
भारत के प्रमुख उत्सव भारत के प्रमुख पर्व त्योहार और उत्सव :
जैसा कि इस लेख में कहा जा चुका है कि भारतीय समाज उत्सवधर्मिता का पर्यायवाची है। यहाँ कण-कण में उत्सव है, कैलेंडर के 365 दिन उत्सव है। सारे उत्सवों की सूची देना तो संभव नहीं है। यूँ भी छोटे-छोटे आदिवासी समुदायों के उत्सव, देश के सुदूर अंचलों विशेषकर गाँव में स्थानीय स्तर पर मनाए जाते उत्सवों की पूरी जानकारी हमें कहाँ है? सामान्यतः सर्वसामान्य द्वारा बड़े पैमाने पर मनाया जाते कुछ उत्सवों की सूची यहाँ साझा कर रहे हैं। ये प्रतिनिधि उत्सव हैं।
भारत के प्रमुख पर्व-त्योहार-उत्सवों में मकर संक्रांति, वसंत पंचमी, महाशिवरात्रि, होली, गुड़ी पड़वा, रामनवमी, भगवान महावीर जयंती, हनुमान जयंती, गुड फ्राइडे, ईस्टर संडे, भगवान परशुराम जयंती, अक्षय तृतीया, नृसिंह जयंती, बुद्ध पूर्णिमा, रमजान ईद वट पूर्णिमा, देवशयनी एकादशी, गुरुपूर्णिमा, नागपंचमी, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, पतेती, बैल-पोला, हरतालिका, तीज, गणगौर, गणेश चतुर्थी, ॠषिपंचमी, नवरात्र, दुर्गापूजा, दशहरा, शरद पूर्णिमा, दीपावली, अन्नकूट, तुलसीविवाह, गुरुनानक जयंती, क्रिसमस, दत्त जयंती, शीतलाष्टमी आदि का समावेश है। इसी प्रकार सामाजिक, राष्ट्रीय उत्सवों में गुरु गोविंद सिंह जयंती, स्वामी विवेकानंद जयंती, स्वामी दयानंद जयंती, लोकमान्य तिलक जयंती, नेताजी सुभाषचंद्र बोस जयंती, विश्वकर्मा जयंती, विभिन्न संतों की जयंती, विभिन्न महापुरुषों की जयंती, छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती, सावित्रीबाई फुले जयंती, संत बसवेश्वर जयंती, रामकृष्ण परमहंस जयंती, स्वातंत्र्यवीर सावरकर, डॉ भीमराव आंबेडकर जयंती, आदि शंकराचार्य जयंती, एकादशी, अमावस्या, पूर्णिमा, झूलेलाल जयंती, विभिन्न साहित्यकारों की जयंती, राणा प्रताप जयंती, महात्मा फुले जयंती, कबीर जयंती, कालिदास जयंती, वाल्मीकि जयंती, गोस्वामी तुलसीदास जयंती, सिख गुरुओं का शहीदी दिवस, महिला दिवस, चैतन्य महाप्रभु जयंती, वल्लभाचार्य जयंती, रामानुजाचार्य जयंती, संत ज्ञानेश्वर महाराज जयंती, संत तुकाराम महाराज जयंती, आदि अनेक उत्सव मनाए जाते हैं। पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन के लिए श्राद्ध पक्ष को भी एक दृष्टि से इसमें सम्मिलित किया जा सकता है। शिक्षक दिवस, एकता दिवस, तीनों सेना के स्थापना दिवस, ध्वज दिवस, राज्यों के स्थापना दिवस भी हमारे महत्वपूर्ण उत्सव हैं। राष्ट्रीय पर्व के रूप में स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस तो सर्वोच्च हैं ही।
चूँकि उत्सव सामासिक, सामुदायिक, सामाजिक और सामूहिक होते हैं, फलत: एकात्मता उन का अनिवार्य अंग है। हम कुछ प्रतिनिधि उत्सवों की चर्चा यहाँ करेंगे।
क्रमश: ….
© संजय भारद्वाज
अध्यक्ष– हिंदी आंदोलन परिवार ☆ सदस्य– हिंदी अध्ययन मंडल, पुणे विश्वविद्यालय ☆ संपादक– हम लोग ☆ पूर्व सदस्य– महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी ☆ ट्रस्टी- जाणीव, ए होम फॉर सीनियर सिटिजन्स ☆
संजयउवाच@डाटामेल.भारत
उत्सवों का महान देश हमारा भारत
भारत उत्सवों, पर्वों का देश है। यहां ३६५ दिन कोई न कोई उत्सव होता है जिनमें से अधिकतर हर्षोल्लास को प्रदर्शित करते हैं।