श्री संजय भारद्वाज
(श्री संजय भारद्वाज जी – एक गंभीर व्यक्तित्व । जितना गहन अध्ययन उतना ही गंभीर लेखन। शब्दशिल्प इतना अद्भुत कि उनका पठन ही शब्दों – वाक्यों का आत्मसात हो जाना है।साहित्य उतना ही गंभीर है जितना उनका चिंतन और उतना ही उनका स्वभाव। संभवतः ये सभी शब्द आपस में संयोग रखते हैं और जीवन के अनुभव हमारे व्यक्तित्व पर अमिट छाप छोड़ जाते हैं। हम आपको प्रति रविवार उनके साप्ताहिक स्तम्भ – संजय उवाच शीर्षक के अंतर्गत उनकी चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुँचा रहे हैं। सप्ताह के अन्य दिवसों पर आप उनके मनन चिंतन को संजय दृष्टि के अंतर्गत पढ़ सकते हैं। )
प्रत्येक बुधवार और रविवार के सिवा प्रतिदिन श्री संजय भारद्वाज जी के विचारणीय आलेख एकात्मता के वैदिक अनुबंध : संदर्भ – उत्सव, मेला और तीर्थयात्रा श्रृंखलाबद्ध देने का मानस है। कृपया आत्मसात कीजिये।
संजय दृष्टि – एकात्मता के वैदिक अनुबंध : संदर्भ- उत्सव, मेला और तीर्थयात्रा भाग – 27
घोटुल- हर आदिवासी और वनवासी समाज में मेलों के परंपरा बहुत पुरानी है। आदिवासी संस्कृति, खानपान, पहनावे को लेकर अनेक स्थानों पर छोटे-बड़े आदिवासी मेला लगते हैं। असम और पूर्वोत्तर में आज भी ‘घोटुल’ की परंपरा है जिसके माध्यम से विवाहेच्छुक को अपना जीवनसाथी चुनने की स्वतंत्रता है।
पर्यटन मेला- गुजरात का कच्छ उत्सव, राजस्थान का मरुस्थल उत्सव आदि मूलरूप से पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से आयोजित मेला हैं। मरुस्थलीय संगीत, गारी नृत्य, लोक संगीत, लोक गीत, ऊँटों की कलाबाजी, दौड़, साज-सज्जा, पोलो, रस्साकशी अनेक प्रतियोगिताएँ यथा पगड़ी बांधना, मूँछ का प्रदर्शन सभी पर्यटकों की दृष्टि से विशेष रोचक होते हैं।
अन्य- भारत में प्राकट्य दिवस हो, संतों की जन्मतिथि हो, पुण्यतिथि अथवा ऋतु परिवर्तन, हर अवसर पर मेले लगते हैं। हरिद्वार, वाराणसी तथा अन्य स्थानों पर होती गंगा जी की आरती भी एक प्रकार से मेला ही है। हर मंदिर में छोटे-बड़े स्तर पर एक मेला का आयोजन तो होता ही है। हरेक का विवरण व वर्णन संभव ही नहीं है। यह कुल जमा ‘हरि अनंत, हरि कथा अनंता’ जैसी स्थिति है। मेलों की अनंत यात्रा को यहाँ विराम देकर तीर्थों की असीम यात्रा पर निकला जाए।
क्रमश: ….
© संजय भारद्वाज
अध्यक्ष– हिंदी आंदोलन परिवार ☆ सदस्य– हिंदी अध्ययन मंडल, पुणे विश्वविद्यालय ☆ संपादक– हम लोग ☆ पूर्व सदस्य– महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी ☆ ट्रस्टी- जाणीव, ए होम फॉर सीनियर सिटिजन्स ☆
संजयउवाच@डाटामेल.भारत
घोटुल व पर्यटन मेलों की बढ़िया जानकारी।