श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
(प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी के साप्ताहिक स्तम्भ – “विवेक साहित्य ” में हम श्री विवेक जी की चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र जी, मुख्यअभियंता सिविल (म प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी , जबलपुर ) से सेवानिवृत्त हैं। तकनीकी पृष्ठभूमि के साथ ही उन्हें साहित्यिक अभिरुचि विरासत में मिली है। आपको वैचारिक व सामाजिक लेखन हेतु अनेक पुरस्कारो से सम्मानित किया जा चुका है।आज प्रस्तुत है आपकी विदेश यात्रा के संस्मरणों पर आधारित एक विचारणीय आलेख – ”न्यू जर्सी से डायरी…”।)
यात्रा संस्मरण ☆ न्यू जर्सी से डायरी… 14 ☆ श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
पॉलिनेटर गार्डन
जंगली घास , खरपतवार पौधो को भी लगाया गया है, और उन्हें खाद पानी दिया जा रहा है। यह इसलिए कि मधुमक्खियां, तितलियां , कीड़े मकोड़े वर्ष भर इनके भरोसे जीवित रहते हैं और परागण प्रक्रिया में मदद करते हैं। ये कीड़े मकोड़े स्वयं भोजन होते हैं, चिड़ियों का ।
इस तरह प्रकृति चक्र चलता रहता है। शहरीकरण के साथ मिटती हरियाली और इस मानवीय हस्तक्षेप को उजागर कर, कम करने का पॉलिनेटर गार्डन लगाने का यह छोटा सा प्रयास सकारात्मक सोच प्रदर्शित करता मिला ।
विवेक रंजन श्रीवास्तव, न्यूजर्सी
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈