यात्रा संस्मरण ☆ न्यू जर्सी से डायरी… 21 ☆ श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
घर का तापमान
भारत में यदि काम वाली न आए तो श्रीमती जी का पारा गरम हो ही जाता है । ऐसी हालत में माहौल गरमा गरम होता है । लिखना ,पढ़ना सारी क्रियेटीविटी धरी रह जाती है।
पर तब भी घर का तापमान मौसम के अनुरूप ही होता है। किंतु यदि यहां बर्फ बारी के दिनों में घरों का तापमान मौसम के अनुरूप ही रखा गया तो मामला गड़बड़ हो जाए, क्योंकि दिसंबर में सहज ही टेंपरेचर माइनस एक या दो डिग्री सेंटीग्रेड के आस पास होता है।
अतः हर घर में हीटिंग की व्यवस्थाएं हैं ।
हमारे घर में बेसमेंट में गैस से गर्म पानी /भाप के लिए बायलर है , गर्म पानी के सर्कुलेशन की व्यवस्था दीवारों में है । हर कमरे में हीट रेडिएटर लगा है । इस तरह बाहर मौसम , हवा और तापमान कैसा भी हो भीतर का टेंपरेचर थर्मोस्टेट से मेंटेन करना हमारे हाथ में होता है।
हां यहां तापमान सेंटीग्रेड में नहीं फेरेनहाइट में नापा जाता है। तो अभी हमारे घर का भीतरी तापमान 69 डिग्री फैरेनहाइट है।
विवेक रंजन श्रीवास्तव, न्यूजर्सी
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈