श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
(प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी के साप्ताहिक स्तम्भ – “विवेक साहित्य ”  में हम श्री विवेक जी की चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं. श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र जी, मुख्यअभियंता सिविल  (म प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी , जबलपुर ) से सेवानिवृत्त हैं. तकनीकी पृष्ठभूमि के साथ ही उन्हें साहित्यिक अभिरुचि विरासत में मिली है. आपको वैचारिक व सामाजिक लेखन हेतु अनेक पुरस्कारो से सम्मानित किया जा चुका है. आज प्रस्तुत है आपकी विदेश यात्रा के संस्मरणों पर आधारित एक विचारणीय आलेख – ”न्यू जर्सी से डायरी…”.)

? यात्रा संस्मरण ☆ न्यू जर्सी से डायरी – 23 – राइट हैंड ड्राइव/लेफ्ट हैंड ड्राइव ☆ श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ?

लक्ष्य की ओर बढ़े चलना जीवंतता है । अमेरिका सहित अधिकांश पश्चिमी देशों में गाडियां सड़क के दायीं ओर चलती हैं और कार की स्टेयरिंग बायीं ओर होती है जबकि भारत में अंग्रेजी शासन के चलते इंग्लैंड के ही नियम लागू रहे, अर्थात भारत में गाड़ियों की स्टेयरिंग दायीं ओर होती है (Right hand driving in India) और गाड़ियाँ सड़क की बायीं ओर चलायीं जातीं हैं.

यूनाइटेड नेशंस आर्गनाइजेशन यूक्रेन युद्ध या कश्मीर समस्या जैसी बड़ी समस्याएं तो सुलझा नहीं पाता कम से कम सारी दुनियां में एक सी ड्राइविंग, एक से बिजली साकेट, एक सरीखी वोल्टेज पर बिजली प्रदाय, एक से मोबाइल चार्जर, वगैरह पर ही कोई सर्वमान्य योजना ले आए तो भी इस वैश्विक दुनियां में आम लोगों को कुछ राहत मिले और यूएनओ अपनी उपयोगिता सिद्ध कर सके। इंटरपोल के जमाने में यदि ग्लोबल ई-वीजा बनने लगें तो युवा पीढ़ी को विज्ञान, व्यापार के सिलसिले में दुनियां एक कर रही है उसे लाभ हो सकता है.

अस्तु, आज नहीं तो किसी दिन यह होगा, इस आशा में प्रसन्न रहना चाहिए.

1792 में सर्वप्रथम अमेरिका के पेन्सिल्वेनिया प्रान्त में सड़क पर दायीं ओर चलने के नियम को लागू किया गया और 18वीं शताब्दी के अंत तक यह नियम पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में अनुसरण किया जाने लगा.

आज दुनियां भर अधिकांश क्षेत्रों में यही दाहिने ओर से चलने का नियम है, इससे भारत, इंग्लैंड या अन्य बाईं ओर से चलने वाले देशों के लोगों को यहां ड्राइविंग में कठिनाई होती है. यद्यपि भारत सहित अन्य देशों के ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर यहां कार चलाने की वैधानिक अनुमति है. रेंटल कार सहजता से मिल जाती हैं. एक शहर से कार लेकर दूसरे शहर में ड्राप किए जाने की सुविधाएं भी आसान हैं. ज्यादातर गाडियां आटोमेटिक गेयर वाली हैं, मतलब बिना क्लच पैडल के केवल दाहिने पैर से ही एक्सेलटर   और ब्रेक के नियंत्रण से कार मजे में दौड़ती हैं. टोल पर कोई बैरियर नहीं है, यदि बिना ई पास के गाड़ी टोल पार करती हैं तो कैमरा नंबर प्लेट की फोटो लेकर ई बिल बना देता है. सड़के चिकनी चौड़ी हैं. लेन पर सभी नियम पूर्वक पर्याप्त दूरी बनाकर चलते हैं. रेलवे क्रासिंग पर भी बैरियर नहीं मिला, केवल लाइट सिग्नल ही हैं. भले ही कोई ट्रैफिक न हो पर कोई भी लाइट सिग्नल की अनदेखी नहीं करता. यहां ड्राईविंग आनंद देती है.

विवेक रंजन श्रीवास्तव, न्यूजर्सी

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments