हिन्दी साहित्य – राजभाषा दिवस विशेष ☆ “हिंदी औं हिन्दोस्ता का हर जगह सम्मान है” ☆ प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

राजभाषा दिवस विशेष 

प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ 

 

(राजभाषा दिवस पर प्रोफ. श्री चित्र भूषण श्रीवास्तव जी  की विशेष  कविता आलेख हिंदी औं हिन्दोस्ता का हर जगह सम्मान है.) 

 

हिंदी औं हिन्दोस्ता का हर जगह सम्मान है

 

गलत है कहना कि अब हिंदी का न आदर रहा

विश्व भर में अब तो हिंदी का समादर हो रहा

राजभाषा तो है पर प्रचलन हुआ कम देश में

विश्व के अधिकांश देशो मे पै आदर हो रहा

 

पढाई जाती अनेको देशो मे कालेज में

बोलना औं समझ लेना है अधिक नालेज में

कही जाओ बोलचाल मे अब तो है हिंदी सहज

बातें चाहे न करें पर समझते है विदेश में

 

हो चला हिंदी का सारे विश्व में विस्तार है

बढता जाता हिंदी से दुनिया मे सबको प्यार है

फिल्मों मे विज्ञापनो मे सफर मे व्यवहार मे

दिख रहा हिंदी का बढता हुआ  अधिकार है

 

हर दिशा हर देश में हिंदी की अब पहचान है

विश्व संस्थाओ मे भी हिंदी का शुभ सम्मान है

आंकते जो कम हैं इसको उनकी है अज्ञानता

हिंदी औं हिन्दोस्ता का हर जगह सम्मान है

 

© प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ 

ए १ ,विद्युत मण्डल कालोनी , रामपुर , जबलपुर

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