हिन्दी साहित्य – विश्व बचत दिवस विशेष ☆ उज्ज्वल भविष्य के लिए धन की बचत कैसे करें? ☆ – श्री कुमार जितेंद्र
श्री कुमार जितेन्द्र
(विश्व बचत दिवस के अवसर पर श्री कुमार जितेंद्र जी का विशेष आलेख “उज्ज्वल भविष्य के लिए धन की बचत कैसे करें?” विश्व भर में यह दिवस 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा । भारत में यह 30 अक्टूबर को मनाया जायेगा। )
☆विश्व बचत दिवस विशेष ☆ उज्ज्वल भविष्य के लिए धन की बचत कैसे करें? ☆
वर्तमान समय में धन कमाने के स्त्रोत तो बहुत अधिक है। कोई बेरोजगार नहीं बैठ सकता है। परन्तु बचत बहुत कम लोग ही कर पाते हैं । क्योंकि बचत करने की जानकारी प्रत्येक इंसान के पास नहीं है। आजकल बढ़ती महंगाई के चलते धन की बचत करना एक चुनौती बनी हुई हैं पर भविष्य के लिए बचत करना भी बहुत जरूरी है । यदि समय रहते धन की सही जगह पर बचत की जाये तो भविष्य सुनहरा एवं राह आसान होगी परन्तु वर्तमान समय में धन को सुरक्षित रखना मुश्किल हो गया है। न घर में धन को सुरक्षित रखा जा सकता है और नहीं बाहर। किसी व्यक्ति को ब्याज पर देने से ब्याज के चक्कर में मूल धन भी खोने का डर रहता हैं। तथा समय पर भुगतान नहीं होने का भी खतरा रहता है। दूसरी ओर वर्तमान में बहुत से निजी बैंक भी मेहनत से कमाया हुआ धन को लूटने से पीछे नहीं रहते हैं। निजी बैंक विभिन्न प्रकार से अधिक ब्याज का लालच देने का विज्ञापन जारी कर लोगों को गुमराह कर देते हैं। तथा वर्तमान में लोग अधिक ब्याज के चक्कर में आकर अपने धन को जमा करा देते हैं। कुछ समय के लिए तो निजी बैंक लोगों के साथ अच्छा संबध बनाए रखते हैं। परन्तु मौका मिलते ही पलायन कर लेते हैं। वर्तमान समय में लाखो लोगो का धन ब्याज के चक्कर में डूब गया है। इसलिए मेहनत के धन को सही जगह पर सुरक्षित रखना जरूरी है। बचत कैसे करें आज के लेख में बताने वाले हैं तो आइए जानें :-
- सरकारी बैंक – वर्तमान में धन को सुरक्षित रखना है तो सरकारी बैंको पर विश्वास करना जरूरी है। सरकारी बैंकों में जमा धन के नुकसान होने की बिल्कुल भी संभावना नहीं होती है। सरकारी बैंक भी समय – समय अच्छा ब्याज उपलब्ध करवाती है। गरीब और आम लोगों का सहयोग भी करती है। समय – समय पर विभिन्न शिविर लगा कर लोगों को सूचनाओं की जानकारी भी प्रदान करवाती है। तथा अपने धन को सुरक्षित रखने की जानकारी भी देती है। तथा सरकारी बैंक में धन जमा करवाने से किसी प्रकार के बाहरी रूप से नुकसान होने की संभावना बहुत कम होती है। तथा बैंक में एक अच्छी साख जमी रहती है। जिससे भविष्य में किसी आवश्यक कार्य के बैंक से ऋण समय पर मिल सके। इसलिए भविष्य के कदमो को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाना है तो अपने धन को सरकारी बैंको में सुरक्षित रखना होगा।
- सरकारी डाक घर – वर्तमान में धन को लंबे समय तक सुरक्षित रखना है तो सरकारी डाक घर भी एक अच्छा मित्र हो सकता है। वर्तमान में डाक घर में विभिन्न प्रकार की योजनाओ संचालन हो रहा है। जिससे अपने धन को एक दीर्घ अवधि तक सुरक्षित रखा जा सकता है। डाक घर में धन जमा रखने से विभिन्न प्रकार की पॉलिसी के प्रीमियम के अंतर्गत भविष्य में अच्छा धन प्राप्त हो सकता है। डाक घर में छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक विभिन्न प्रकार की योजनाओं के उपयोग से धन को भविष्य के जमा किया जा सकता है।
- अनावश्यक खर्च पर नियंत्रण – वर्तमान समय में व्यक्ति धन के प्रति इतना लापरवाह हो गया है कि वह सह निर्णय नहीं ले पाता कि धन को किन जगहों पर खर्च करना है और किन जगहो पर नहीं। वर्तमान में देखा जाए तो व्यक्ति विवाह के अवसर पर आँख बंद करके आधुनिक दुनिया के भौतिक संसाधनों पर अनावश्यक रूप धन को इतना खर्च करता है जिसका आंकलन करना मुश्किल हो जाता है। दूसरा कारण मृत्यु भोज – वर्तमान में अनावश्यक धन खर्च का मुख्य कारण मृत्यु भोज भी प्रमुख हैं। वर्तमान परिस्थितियों में एक नजर से देखा जाए तो किसी इंसान की मृत्यु हो जाने के बाद पीछे समाज के कुछ ठेकेदार लोग उस परिवार पर मृत्यु भोज करने का इतना दबाव देते हैं कि वह परिवार मृत्यु भोज करने के लिए मजबूर हो जाता है। मृत्यु भोज पर वर्तमान में इतना धन खर्च करते हैं कि बाद में वह पीड़ित परिवार को आजीवन आर्थिक स्थिति से ऊपर नहीं उठ पाता है। वह उस उधार लिए धन को चुकाने के लिए जिंदगी लगा देता है। अगर वर्तमान में मनुष्य को अपने धन को सुरक्षित रखना है तो अनावश्यक खर्च पर नियंत्रण रखना जरूरी है।
- नशीले पदार्थों पर नियंत्रण – पौराणिक काल में देखा जाए तो इंसान नशीले पदार्थों का सेवन बहुत ही कम मात्रा में करता था। जिससे उसके धन की बचत आसानी से हो जाती थी। परन्तु वर्तमान में देखा जाए तो नशीले पदार्थों की मात्रा इतनी बढ़ गई है कि जिसकी कल्पना करना नामुमकिन हो जाता है। नशीले पदार्थों की बढ़ती मात्रा के कारण वर्तमान में छोटे से लेकर बड़े बुजुर्गों तक नशीले पदार्थों का अधिक सेवन किया जा रहा है। दिन भर की पूरी कमाई का आधा हिस्सा शाम तक नशीले पदार्थों में खर्च लेते हैं। जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति हमेशा – हमेशा के लिए कमजोर हो रही है। जो एक चिंता का विषय है। वर्तमान समय में युवा वर्ग में नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक कर धन को अनावश्यक रूप खर्च होने से सुरक्षित रखा जा सकता हैl
- प्रतिस्पर्धा की भावना पर नियंत्रण – प्राचीन समय लोगो की जीवन शैली एक अलग तरह की थी। लोगों में रहने – खाने – पीने की सभी व्यवस्थाओं पर अपना एक नियंत्रण था। किसी से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं थी। कौन क्या कर रहा है। किसी से कोई मतलब नहीं था। परन्तु आधुनिकीकरण ने मनुष्य जीवन की परिभाषा ही बदल डाली है। वर्तमान में लोगों में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। किसी ने अच्छा घर बना लिया है या किसी मशीनरी को खरीद लिया है। दूसरे व्यक्ति भी उसकी तुलना सबके सामने करते हैं कि इसने ऎसा किया… इतना खरीदा… अपने को भी करना चाहिए। जबकि अपने पास आय के इतने स्त्रोत भी नहीं हो सकते हैं। इसलिए वर्तमान समय में मनुष्य को भविष्य के लिए धन को सुरक्षित रखना है। तो प्रतिस्पर्धा की भावना का त्याग करना होगा। तभी धन सुरक्षित हो पाएगा। बचत किये हुआ धन से भविष्य की राह में सुनहरे पंख लगेंगे। राही को अच्छी मंजिल मिल पाएंगी। और राही को मुस्कराती जिंदगी मिल सके।
© कुमार जितेन्द्र
साईं निवास – मोकलसर, तहसील – सिवाना, जिला – बाड़मेर (राजस्थान)
मोबाइल न. 9784853785