जगत सिंह बिष्ट
( आदरणीय श्री जगत सिंह बिष्ट जी, मास्टर टीचर : हैप्पीनेस्स अँड वेल-बीइंग, हास्य-योग मास्टर ट्रेनर, लेखक, ब्लॉगर, शिक्षाविद एवं विशिष्ट वक्ता के अतिरिक्त एक श्रेष्ठ व्यंग्यकार भी हैं। ई- अभिव्यक्ति द्वारा आपका प्रसिद्ध व्यंग्य एक व्यंग्यकार की आत्मकथा 28 अक्टूबर 2018 को प्रकाशित किया था .
एक व्यंग्यकार की आत्मकथा की कुछ पंक्तियाँ …….
यह एक व्यंग्यकार की आत्मकथा है। इसमें आपको ’एक गधे की आत्मकथा’ से ज़्यादा आनन्द आएगा। गधा ज़माने का बोझ ढोता है, व्यंग्यकार समाज की विडम्बनाओं को पूरी शिददत से मह्सूस करता है। इसके बाद भी दोनों बेचारे इतने भले होते हैं कि वक्त-बेवक्त ढेंचू-ढेंचू करके आप सबका मनोरंजन करते हैं। यदि आप हमारी पीड़ा को ना समझकर केवल मुस्कुराते हैं तो आप से बढ़कर गधा कोई नहीं। ……….
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एक व्यंग्यकार की आत्मकथा – श्री जगत सिंह बिष्ट
© जगत सिंह बिष्ट
इंदौर, मध्य प्रदेश