हिन्दी साहित्य – श्रीकृष्ण जन्माष्टमी विशेष – कविता – ☆ दो गीत/भजन ☆ श्री संतोष नेमा “संतोष”

श्री संतोष नेमा “संतोष”

 

(आज प्रस्तुत है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर आदरणीय श्री संतोष नेमा जी  द्वारा रचित दो गीत/भजन  “आज जन्मे कृष्ण कन्हाई” तथा “मोरे मन में बस गए श्याम”)

 

☆ गीत/भजन – “आज जन्मे कृष्ण कन्हाई” तथा “मोरे मन में बस गए श्याम”☆ 

एक

☆ आज जन्मे कृष्ण कन्हाई☆

 

आज जन्मे कृष्ण कन्हाई

नंदबाबा के बजत बधैया,घर घर खुशियां छाई

नगर नगर में धूम मची है,देते सभी बधाई

यमुना गद गद पांव पखारे,शेषनाग परछाई

धन्य धन्य ब्रज भूमि सारी,गायें देत दुहाई

नंद भी नाचे,नाचीं मैया,खूबै धूम मचाई

संग संग “संतोष” भी नाचे,मन में हर्ष समाई

 

 

दो

मोरे मन में बस गए श्याम

 

मोरे मन में बस गए श्याम

सबसे पावन नाम तिहारो,तेरे चरण सब धाम

तू ही बिगड़े काज संवारे,दुनिया से क्या काम

पीर द्रोपदी पल में हर ली,बनाये बिगड़े काम

मोर मुकुट मुरलीधर मोहन,मधुसूदन घनश्याम

भव सागर से पार लगाते,हरें सब पाप तमाम

“संतोष” भजे नाम तिहारा,रोज ही सुबहो शाम

© संतोष नेमा “संतोष” ✍

आलोकनगर, जबलपुर (म. प्र.)

मोबा 9300101799