श्री गणेश चतुर्थी विशेष
श्री संतोष नेमा “संतोष”
(आज प्रस्तुत है श्री गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर आदरणीय श्री संतोष नेमा जी द्वारा रचित श्री गणेश वंदना “जय जय जय हे गणपति देवा”.)
☆ जय जय जय हे गणपति देवा☆
रहकर शरण करें नित सेवा
जय जय जय हे गणपति देवा
मात-पितृ गौरी-महादेवा
प्रभु मोदक का करें कलेवा
ऋद्धि-सिद्धि,नौ निधि के देवा
जय जय जय हे गणपति देवा
प्रथम पूज्य प्रभु आप कहाते
बिगड़े सबके काम बनाते
अर्पण तुमको मोदक, मेवा
जय जय जय हे गणपति देवा
अंतर्मन से जो भी ध्यावे
बाधा कोई निकट न आवे
मन से प्रभु की करते सेवा
जय जय जय हे गणपति देवा
कोढ़ी हो या कोई अंधा
बाँझ, बधिर अथवा बिन-धंधा
शुभ करते हैं गजमुख देवा
जय जय जय हे गणपति देवा
शरण आपकी जो भी आता
सुख, “संतोष” सुमंगल पाता
कष्ट सभी के हरते देवा
जय जय जय हे गणपति देवा
रहकर शरण करें नित सेवा
जय जय जय हे गणपति देवा
© संतोष नेमा “संतोष”
आलोकनगर, जबलपुर (म. प्र.)
मोबा 9300101799