श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव

☆ स्मृतिशेष जयप्रकाश पाण्डेय विशेष – याद आओगे जयप्रकाश ☆ श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव 

डांस इंडिया डांस के व्यंग्यकार पांडे जी का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। इस कृति के प्रकाशन हेतु मैने ही उन्हें प्रकाशक से मिलवाया था। पुस्तक मेले से पहले भागम भाग आपाधापी में किताब छपी थी। ई अभिव्यक्ति सहित कई संपादन हमने साथ किए। पाठक मंच में उन्होंने मेरे साथ सह आयोजक की भूमिका निभाई, हम प्रायः फोन संपर्क में रहे।

जब वे नारायण गंज, मंडला में पदस्थ थे, वे चुटका परमाणु संयंत्र के संदर्भ में जन जागरण अभियान से जुड़े रहे, चूंकि इस परियोजना का सर्वे से लेकर प्रोजेक्ट रिपोर्ट तक के सारे प्रारंभिक कार्य मैं ही कर रहा था, हम संपर्क में आए थे।

व्यंग्यधारा के संचालन हेतु भी हम दोनों ने ही श्री रमेश सैनी जी का नाम सुझाया था। कुछ कार्यकम उनके साथ आयोजित किए। कई गोष्ठियों में साथ साथ सहभागिता रही।

जब मैने अट्टहास का विमोचन जबलपुर में इंस्टिट्यूशन आफ इंजीनियर्स में करवाया था तब एवं ‘मिली भगत’ के विमोचन अवसर पर उनका पूरा सहयोग मिला। उनके घर पर व्यंग्यम की कई गोष्ठियों में मैने व्यंग्य पढ़े हैं। उनकी पुस्तक की समीक्षा भी की।

मेरी किताब ‘खटर पटर’ के लिए उनके सुंदर हस्त लेख में लिखा पत्र मेरे पास सुरक्षित है।

वे बातचीत में उनकी कैंसर की बीमारी के ठीक होने के प्रति पूर्ण आश्वस्त लगते थे, उन्होंने मेरे टाटा मेमोरियल जाने के सुझाव को पहले विचार में ही नकार दिया था।

परमात्मा को शायद उनकी वहां ज्यादा जरूरत थी।

विनम्र श्रद्धा सुमन ही अर्पित कर सकते हैं।

याद आओगे जयप्रकाश।

विवेक रंजन श्रीवास्तव भोपाल

संपर्क – ए 233, ओल्ड मिनाल रेजीडेंसी भोपाल 462023

मोब 7000375798, ईमेल [email protected]

 संपादक – श्री हेमन्त बावनकर / सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’   ≈

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