श्री जय प्रकाश पाण्डेय
(श्री जयप्रकाश पाण्डेय जी की पहचान भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी के अतिरिक्त एक वरिष्ठ साहित्यकार की है। वे साहित्य की विभिन्न विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर हैं। उनके व्यंग्य रचनाओं पर स्व. हरीशंकर परसाईं जी के साहित्य का असर देखने को मिलता है। परसाईं जी का सानिध्य उनके जीवन के अविस्मरणीय अनमोल क्षणों में से हैं, जिन्हें उन्होने अपने हृदय एवं साहित्य में सँजो रखा है।
अभी 11 मई को आपकी सकारात्मक कविता प्रकाशित की थी और 22 मई को सुबह आपका सन्देश आता है “सुबह सुबह आज फिर अस्पताल से याद कर रहा हूँ। पोस्ट कोविड लफड़े हैं दोस्तों ये। सतर्कता जरूरी है कोविड से ठीक होने के बाद भी ये अपना हंटर बीच-बीच में घुमाता ही है। इसलिए सभी दोस्त भाई हर दम सतर्क रहिएगा। मास्क और दो गज दूरी, और हंसी के साथ मस्त रहने की आदत।” इस सन्देश के साथ ही कविता ” मैं यादों का किस्सा खोलूं तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं ….”. बंधुवर, यह समय भी निकल जायेगा और हम प्रस्तुत करेंगे आपकी प्यारी सी कविता आपके अगले साप्ताहिक अंक में। ईश्वर से कामना आपके शीघ्र स्वास्थ्य के लिए)
आज प्रस्तुत है आपकी एक सकारात्मक कविता ‘अच्छी खबरें’)
☆ सकारात्मक कविता ☆ अच्छी खबरें ☆
खबरों की
दुनिया में,
लगातार बुरी
खबरों के बीच,
कुछ अच्छी
खबरें भी आती हैं,
जो जीवन के प्रति
हमारी आस्था को
मज़बूत करती हैं ,
जैसे कि
गुलमोहर ने आज
छकौड़ी के घर
बरसात कर दी,
कल्लू की गाय
बियानी हो गई,
लल्ला की बेटी
सयानी हो गई,
मुल्लू की फसल
इस बार दुगनी हो गई,
शंभू का बैंक लोन
का ब्याज माफ हो गया,
जर्जर बीमार भाई
कोविड से ठीक हो गया,
मोची बाबा का
लोन पास हो गया,
साहब आपदा में
अवसर से अमीर
और अमीर हो गया।
© जय प्रकाश पाण्डेय
[7:52 am, 22/05/2021]
416 – एच, जय नगर, आई बी एम आफिस के पास जबलपुर – 482002 मोबाइल 9977318765
अच्छी रचना भाई