श्री जय प्रकाश पाण्डेय
(श्री जयप्रकाश पाण्डेय जी की पहचान भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी के अतिरिक्त एक वरिष्ठ साहित्यकार की है। वे साहित्य की विभिन्न विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर हैं। उनके व्यंग्य रचनाओं पर स्व. हरीशंकर परसाईं जी के साहित्य का असर देखने को मिलता है। परसाईं जी का सानिध्य उनके जीवन के अविस्मरणीय अनमोल क्षणों में से हैं, जिन्हें उन्होने अपने हृदय एवं साहित्य में सँजो रखा है।आज प्रस्तुत है गैस त्रासदी पर श्रद्धांजलि स्वरुप एक कविता ‘गैस त्रासदी की बरसी ….!’ )
☆ कविता # 113 ☆ गैस त्रासदी की बरसी ….! ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय☆
(37 साल पहले 2-3 दिसम्बर की रात्रि को भोपाल गैस त्रासदी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि )
अजीब भागमभाग,
भाग भाई भाग…. भाग,
इधर भाग उधर भाग,
नींद खुली तो भागमभाग,
विषैली हवा के साथ भाग,
नन्हीं जान लेकर भाग,
जिंदगी की ख़ातिर भाग,
बहते आंसुओं लेकर भाग
कैसे भी करके पर तू भाग,
लाशों के ऊपर से भी भाग,
बच्ची की जान बचाने भाग,
जिंदगी की जंग में तू भाग,
दौड़ दौड़ के घिसटते भाग,
जिंदगी की ख़ातिर तू भाग ….!
© जय प्रकाश पाण्डेय