श्री सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’

(सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’ जी अर्ध शताधिक अलंकरणों /सम्मानों से अलंकृत/सम्मानित हैं। आपकी लघुकथा  रात  का चौकीदार”  महाराष्ट्र शासन के शैक्षणिक पाठ्यक्रम कक्षा 9वीं की  “हिंदी लोक भारती” पाठ्यपुस्तक में सम्मिलित। आप हमारे प्रबुद्ध पाठकों के साथ  समय-समय पर अपनी अप्रतिम रचनाएँ साझा करते रहते हैं। आज प्रस्तुत हैं एक भावप्रवण कविता “किससे बात करें…..”)

☆  तन्मय साहित्य  #115 ☆

☆ किससे बात करें…..

इक चेहरे के पीछे

छिपे हुए अनेक चेहरे

किससे बात करें।

 

बंद चहकना हुआ चिरैया का

और रँभाना घर की गैया का

फूलों पर गुंजार न भ्रमरों की

कलियों पर है वार ततैया का,

बेतरतीब मौसमों से

तरु पल्लव डरे-डरे

किससे बात करें।

 

होड़ दौड़ की मची, न पल भर चैन

पानीदार रहे ना नेहिल नैन

कौवों के मजमें, कोयल गुमसुम

हुए दिवंगत, सद्भावी मृदुबैन,

मुस्कानों पर लगे हुए

इनके-उनके पहरे

किससे बात करें।

 

एक टीस, बाहर से भीतर तक

शोर-तमाशे, कोलाहल, गम्मत

बिजली बारूद माचिस के मेले

घूम रहा, हाथों में ले चकमक,

नभ-पथ पर जो विचरे

वे क्यों धरती पर ठहरे

किससे बात करे

 

© सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय

जबलपुर/भोपाल, मध्यप्रदेश, अलीगढ उत्तरप्रदेश  

मो. 9893266014

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments