डॉ राकेश ‘ चक्र’
(हिंदी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. राकेश ‘चक्र’ जी की अब तक 120 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिनमें 7 दर्जन के आसपास बाल साहित्य की पुस्तकें हैं। कई कृतियां पंजाबी, उड़िया, तेलुगु, अंग्रेजी आदि भाषाओँ में अनूदित । कई सम्मान/पुरस्कारों से सम्मानित/अलंकृत। इनमें प्रमुख हैं ‘बाल साहित्य श्री सम्मान 2018′ (भारत सरकार के दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी बोर्ड, संस्कृति मंत्रालय द्वारा डेढ़ लाख के पुरस्कार सहित ) एवं उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा ‘अमृतलाल नागर बालकथा सम्मान 2019’। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर बाल साहित्य की दीर्घकालीन सेवाओं के लिए दिया जाना सर्वोच्च सम्मान ‘बाल साहित्य भारती’ (धनराशि ढाई लाख सहित)। आदरणीय डॉ राकेश चक्र जी के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें संक्षिप्त परिचय – डॉ. राकेश ‘चक्र’ जी।
आप “साप्ताहिक स्तम्भ – समय चक्र” के माध्यम से उनका साहित्य आत्मसात कर सकेंगे।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – समय चक्र – # 118 ☆
☆ वंदना गीत – निर्धनों को मान दे दो ☆ डॉ राकेश ‘चक्र’ ☆
भगवती माँ शारदे तुम
शिष्टता का ज्ञान दे दो
हर बुराई दूर करके
मधुर वंशी तान दे दो
प्रेम का दीपक जलाओ
सत्य पथ पर तुम चलाओ
ज्ञान का आलोक देकर
हर मुसीबत से बचाओ
मैं भलाई कर सकूँ माँ
सभ्यता , सम्मान दे दो
सुरभि का सामर्थ्य देना
धरणि – सा परमार्थ देना
व्योम अक्षय सार का तुम
शुभ्र नूतन पार्थ देना
विनय भावों को सदा ही
अब नई पहचान दे दो
द्वेष ,तम को तुम हटा दो
दृष्टि नूतन – सी छटा दो
सत्य के नित अर्थ देकर
सरस सावन की घटा दो
नम्रता सदपंथ देकर
निर्धनों को मान दे दो
© डॉ राकेश चक्र
(एमडी,एक्यूप्रेशर एवं योग विशेषज्ञ)
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