डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं “भावना के दोहे …तिरंगा”।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 145 – साहित्य निकुंज ☆
☆ भावना के दोहे …🇮🇳 तिरंगा 🇮🇳 ☆
कहे तिरंगा शान से, बसे देश के प्रान।
कहता गाथा देश की, दिए बहुत बलिदान।।
🇮🇳🇮🇳
बसी तिरंगे में सभी, भारत की पहचान।
चक्र हमें बतला रहा, प्रगति और ईमान।।
🇮🇳🇮🇳
रंग तिरंगे में भरा, है शांति सद्भाव।
तीनों रंग का दिखता, सभी पर ही प्रभाव।।
🇮🇳🇮🇳
नमन तिरंगा आपको, है भारत की शान।
हर घर में लहरा रहा, बसते सबके प्रान।।
🇮🇳🇮🇳
© डॉ भावना शुक्ल
सहसंपादक… प्राची
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