श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”
संस्कारधानी के सुप्रसिद्ध एवं सजग अग्रज साहित्यकार श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज” जी के साप्ताहिक स्तम्भ “मनोज साहित्य ” में आज प्रस्तुत है “मनोज के दोहे… ”। आप प्रत्येक मंगलवार को आपकी भावप्रवण रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे।
मनोज साहित्य # 59 – मनोज के दोहे… ☆
1 अवसर
प्रभु देता अवसर सदा, रखिए इसका ध्यान।
चूक गए तो फिर नहीं, मिल पाता सम्मान।।
2 अनुग्रह
हुआ अनुग्रह राम का, पूर्ण हुए सब काज।
विश्व पटल पर छा गया, भारतवंशी राज।।
3 आपदा
करें प्रबंधन आपदा, संकट से हो मुक्ति।
बड़े बुजुर्गों से सदा, मिली हमें यह युक्ति।।
4 प्रशस्ति
सद्कर्मों का मान हो, स्वागत मिले प्रशस्ति।
बदले मानव आचरण, यही देश की शक्ति।।
5 प्रतिष्ठा
बढ़े प्रतिष्ठा देश की, मिलकर करें प्रयास।
मतभेदों को भूलकर, फसल उगाएँ खास।।
© मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”
संपर्क – 58 आशीष दीप, उत्तर मिलोनीगंज जबलपुर (मध्य प्रदेश)- 482002
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