श्री एस के कपूर “श्री हंस”

(बहुमुखी प्रतिभा के धनी  श्री एस के कपूर “श्री हंस” जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। आप कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से पुरस्कृत/अलंकृत हैं। साहित्य एवं सामाजिक सेवाओं में आपका विशेष योगदान हैं।  आप प्रत्येक शनिवार श्री एस के कपूर जी की रचना आत्मसात कर सकते हैं। आज प्रस्तुत है आपका एक भावप्रवण मुक्तक ।। मनोकामना ।। शुभकामना – 2023 ।।)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ “श्री हंस” साहित्य # 47 ☆

☆ मुक्तक  ☆ ।। मनोकामना ।। शुभकामना – 2023 ।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆ 

[1]

बस  आदमी  को आदमी से प्यार हो  जाये।

हर नफ़रत की  जीवन  में हार  हो  जाये।।

इंसानियत का ही  हो  बोल बाला हर जगह।

हर व्यक्ति में मानवता का संचार हो जाये।।

[2]

हर किसी का हर किसी से सरोकार हो जाये।

हर सहयोग देने को आदमी तैयार हो जाये।।

अमनो चैन सुकून की हो अब सबकी जिंदगी।

खत्म हमारे बीच की हर तकरार हो  जाये।।

[3]

राष्ट्र का हित ही सबका कारोबार हो जाये।

देश की आन को हर बाजू तलवार हो जाये।।

दुश्मन नज़र उठा कर देख न सके हमको।

हर जुबां पर शत्रु के लिए ललकार हो जाये।।

[4]

माहमारी कॅरोना की करारी अब हार हो जाये।

पूर्ण स्वास्थ्य का स्वप्न दुनिया में साकार हो जाये।।

भय डर का यह जीवन अब हो जाये समाप्त।

यह विषाणु हर जीवन से अब बाहर हो जाये।।

[5]

हर बाग में  अब  गुल गुलशन बहार हो जाये।

जिंदगी का मेला वैसा ही फिर गुलज़ार हो जाये।।

यह नववर्ष खुशियां लेकर आये हज़ारों हज़ार।

हर ओर जीवन में सुख शांति बेशुमार हो जाये।।

© एस के कपूर “श्री हंस”

बरेली

ईमेल – Skkapoor5067@ gmail.com

मोब  – 9897071046, 8218685464

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈
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