श्री सूबेदार पाण्डेय “आत्मानंद”
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – आत्मानंद साहित्य# 156 ☆
☆ भोजपुरी गीत – नेह के बाती ☆ श्री सूबेदार पाण्डेय “आत्मानंद” ☆
दीप दुआरे अंगना बारा,
जरै नेह के बाती से।
जगमग जोत जरै घर आंगन,
प्रेमवां उपजै छाती से।
छप्पर छानी महल अटारी,
कहीं अन्हेरिया रहि ना जाय।
आपस में मिल खुशी मनावा,
जाति धरम से बाहर आय।।
दीप दुआरे अंगना… ।।०१।।
ओकर घर उंजियार करा,
जेकरे घर में अन्हियारा बा।
भईया बना सहारा ओकर,
जेकरे नाहीं सहारा बा।
साथे साथे खुशी मनावा,
बाटा आउर मिठाई।
औ दुश्मन के भी गले लगावा,
हिया मिला के भाई।।
दीप दुआरे…।।०२।।
जब अइसन माहौल बनी,
त सच में खुशी मनइबा।
थोड़ा थोड़ा खुशी बांट के,
जादा खुशी तूं पइबा।
सबके आशीर्वाद से,
जिनगी, तोहार बन जाई।।
दीप दुआरे…।।०३।।
© सूबेदार पांडेय “आत्मानंद”
(1-09-2021)
संपर्क – ग्राम जमसार, सिंधोरा बाज़ार, वाराणसी – 221208, मोबा—6387407266
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈