श्री श्याम खापर्डे
(श्री श्याम खापर्डे जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी हैं। आप प्रत्येक सोमवार पढ़ सकते हैं साप्ताहिक स्तम्भ – क्या बात है श्याम जी । आज प्रस्तुत है आपकी होली पर्व पर विशेष कविता “# होली के रंग … #”)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ क्या बात है श्याम जी # 118 ☆
☆ # होली पर्व विशेष – होली के रंग… # ☆
जीवन के हैं रंग हजार
डूबा हुआ है यह संसार
आओ तुम भी रंग लगाओ
आया है रंगों का त्योहार
रंग है सबके दिल की धड़कन
चंग है साजों की स्पंदन
भांग है मनमस्तिष्क की कंपन
संग है तरूणाई में डूबे तन-मन
कायनात पर रंगो का राज है
ना कोई छोटा ना बड़ा आज है
घूम रही फाग गाती टोलियां
हर टोली में एक सरताज है
युवक युवतियां परस्पर रंगों को डालते
एक दूजे पर गुलाल उछालते
भिगो रहे हैं सबके वस्त्र
शर्मसार है तरूणाई,
भीगे वस्त्रों को संभालते
खेलो राधा कृष्ण सी होली
बोलो प्रेम में डूबी प्रेममय बोली
प्रेम ही तो शाश्वत है जग मे
चाहे हो मीरा या राधा भोली /
© श्याम खापर्डे
फ्लेट न – 402, मैत्री अपार्टमेंट, फेज – बी, रिसाली, दुर्ग ( छत्तीसगढ़) मो 9425592588
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈