श्री एस के कपूर “श्री हंस”

(बहुमुखी प्रतिभा के धनी  श्री एस के कपूर “श्री हंस” जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। आप कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से पुरस्कृत/अलंकृत हैं। साहित्य एवं सामाजिक सेवाओं में आपका विशेष योगदान हैं।  आप प्रत्येक शनिवार श्री एस के कपूर जी की रचना आत्मसात कर सकते हैं। आज प्रस्तुत है आपका एक भावप्रवण मुक्तक ।। घर में प्रेम और रौनक का रंग भरती है बेटियाँ।।)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ “श्री हंस” साहित्य # 58 ☆

🌹 अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष 🌹

☆ मुक्तक  ☆ ।। घर में प्रेम और रौनक का रंग भरती है बेटियाँ।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆ 

[1]

पढ़ेंगी बेटियाँ   और आगे बढ़ेंगी    बेटियाँ।

बराबर हक़ के    लिए भी लड़ेंगी   बेटियाँ।।

बेटों से कमतर  कहीं नहीं हैं बेटियाँ  हमारी।

हर ऊँची   सीढ़ी    पर भी चढ़ेंगी    बेटियाँ।।

[2]

विश्व पटल पर आज बेटियों का खूब नाम है।

आज कर रही     दुनिया में वह हर  काम हैं।।

बेटी को जो देते  बेटों जैसा प्यारऔर सम्मान।

अब  माता  पिता   कहलाते वही महान    हैं।।

[3]

हर दुःख सुख   साथ     में   संजोतीं  हैं बेटियाँ।

हर घर में प्रेम और   रौनक बोती  हैं   बेटियाँ।।

बड़ी होकर करती सृष्टि की रचना भी   नारी।

प्रभुकृपा बरसती वहीं जहाँ होती हैं   बेटियाँ।।

© एस के कपूर “श्री हंस”

बरेली

ईमेल – Skkapoor5067@ gmail.com

मोब  – 9897071046, 8218685464

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈
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