डॉ भावना शुक्ल

(डॉ भावना शुक्ल जी  (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान  किया है। हम ईश्वर से  प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत है  आपकी एक भावप्रवण कविता  पाती तेरे नाम।) 

☆ साप्ताहिक स्तम्भ  # 172 – साहित्य निकुंज ☆

☆ कविता – पाती तेरे नाम… ☆

आज लेखनी लिख रही, अपने मन के भाव।

अंतर्मन में हो रहा, बस तेरा अभाव।।

हलचल मन में हो रही, आ जाओ तुम पास।

जीना दूभर हो गया, है मिलने की आस।।

ठंडक मन में  है नहीं , उठता है बस ज्वार।

तुझ तक हमें पहुंचना, मानेंगे ना हार।।

सोच रही हूँ आज मैं, मिलेगा अब जवाब।

बेताबी अब हो रही, आओ करें हिसाब।।

कहना तुमसे बहुत है, पाती तेरे नाम।

कैसे तुझसे मैं कहूँ, तुम  हो मेरे राम।।

© डॉ भावना शुक्ल

सहसंपादक… प्राची

प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120,  नोएडा (यू.पी )- 201307

मोब. 9278720311 ईमेल : bhavanasharma30@gmail.com

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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