श्री श्याम खापर्डे
(श्री श्याम खापर्डे जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी हैं। आप प्रत्येक सोमवार पढ़ सकते हैं साप्ताहिक स्तम्भ – क्या बात है श्याम जी । आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण कविता “# तुमने मेरा साथ दिया… #”)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ क्या बात है श्याम जी # 128 ☆
☆ # तुमने मेरा साथ दिया… # ☆
(श्री श्याम खापर्डे द्वारा उनके विवाह की स्वर्ण जयंती पर रचित भावप्रवण रचना। हार्दिक बधाई।)
तुमने हर पल, हर मोड़ पर
मेरा साथ दिया
तुमने दुःख भी बांटे
सुख में भी मेरा साथ दिया
तुमने हाथ थामा तो
कभी छोड़ा नहीं
वादा निभाने की कसम को
कभी तोड़ा नहीं
संग चलती रही, बस चलती रही
राह में हर कदम पर
मेरा साथ दिया
कभी कभी अंबर पर
बादल खूब गरजते रहे
कभी कभी घनघोर घटा बन
बरसते रहे
तुम आंचल में मुझको
छुपाती रही
हर बारिश में आंचल बन
मेरा साथ दिया
जब उम्मीदें नाउम्मीद
बन कर सो गई
मुझे तो लगा जैसे
जिंदगी खत्म हो गई
तब तुम सुबह की नई
किरण बन कर आई
अंधेरे में रोशनी बन
तुमने मेरा साथ दिया
जब भी मैं लड़खड़ाया
तुमने संभाला मुझको
जब भी डूबने लगा
तुमने बाहर निकाला मुझको
बिना तुम्हारे मेरा कोई
वजूद नहीं
मै एहसानमंद हूँ
जो तुमने मेरा साथ दिया /
© श्याम खापर्डे
फ्लेट न – 402, मैत्री अपार्टमेंट, फेज – बी, रिसाली, दुर्ग ( छत्तीसगढ़) मो 9425592588
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈