श्री एस के कपूर “श्री हंस”
☆ मुक्तक ☆ ।।जो जीवन शेष है कि वही जीवन विशेष है।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆
[1]
ढल रही शाम बस चलने की तैयारी है।
मत यूं सोचो किअभी करने की बारी है।।
आखिरी श्वास तक चलती साथ जिंदगी।
अभी तो भीतर बाकी क्षमता खूब सारी है।।
[2]
करते रहो मत सोचो कि उम्र बची नहीं है।
कि शुभ मुहूर्त की डोली अभी सजी नहीं है।।
आज करो अभी करो अरमानों को पूरे तुम।
जान लो ये बात कि कल आता कभी नहीं है।।
[3]
जिंदगी को अवसाद नहीं आसान बना लो।
समस्या नहीं समाधान का फरमान बना लो।।
जो जीवन शेष है वह जीवन ही विशेष है।
जाने से पहले पहले खुद को इंसान बना लो।।
[4]
साठ सालआयु पर जिम्मेदारी नई आती है।
वरिष्ठनागरिक की भूमिका भी निभाती है।।
आपकीअनुभवी उम्र बहुत मायने है रखती।
नई पीढ़ी समाज को ये राह दिखा जाती है।।
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© एस के कपूर “श्री हंस”
बरेली
मोब – 9897071046, 8218685464