डॉ भावना शुक्ल

(डॉ भावना शुक्ल जी  (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान  किया है। हम ईश्वर से  प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं भावना के दोहे।) 

☆ साप्ताहिक स्तम्भ  # 186 – साहित्य निकुंज ☆

☆ भावना के दोहे… ☆

द्वंद्व नहीं पालो कभी, बने रहो इंसान।

जो त्यागे अभिमान को, बढ़े उसी की शान।।

आपस के संबंध पर, पड़े न कभी दरार।

रखो इसे संभालकर, बढ़े रिश्तों में प्यार।।

भेदभाव करना नहीं, करना है व्यवहार।

सोच मनुज की ठीक हो, वही  बड़ा उपकार।।

टूट रहे है आज तो, बड़े – बड़े परिवार।

समझ नहीं है साथ की, ना समझे व्यवहार।।

© डॉ भावना शुक्ल

सहसंपादक… प्राची

प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120,  नोएडा (यू.पी )- 201307

मोब. 9278720311 ईमेल : [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

image_printPrint
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments