आचार्य भगवत दुबे
(संस्कारधानी जबलपुर के हमारी वरिष्ठतम पीढ़ी के साहित्यकार गुरुवर आचार्य भगवत दुबे जी को सादर चरण स्पर्श । वे आज भी हमारी उंगलियां थामकर अपने अनुभव की विरासत हमसे समय-समय पर साझा करते रहते हैं। इस पीढ़ी ने अपना सारा जीवन साहित्य सेवा में अर्पित कर दिया है।सीमित शब्दों में आपकी उपलब्धियों का उल्लेख अकल्पनीय है। आचार्य भगवत दुबे जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की विस्तृत जानकारी के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें 👉 ☆ हिन्दी साहित्य – आलेख – ☆ आचार्य भगवत दुबे – व्यक्तित्व और कृतित्व ☆. आप निश्चित ही हमारे आदर्श हैं और प्रेरणा स्त्रोत हैं। हमारे विशेष अनुरोध पर आपने अपना साहित्य हमारे प्रबुद्ध पाठकों से साझा करना सहर्ष स्वीकार किया है। अब आप आचार्य जी की रचनाएँ प्रत्येक मंगलवार को आत्मसात कर सकेंगे। आज प्रस्तुत हैं आपकी एक भावप्रवण रचना – जड़ा नियंत्रण है फौलादी…।)
साप्ताहिक स्तम्भ – ☆ कादम्बरी # 08 – जड़ा नियंत्रण है फौलादी… ☆ आचार्य भगवत दुबे
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अपनों से कट गये आज हम
साथ नहीं हैं दादा-दादी
मम्मी-डैडी बहुत व्यस्त हैं
अधिक कमाने की मजबूरी
स्वर्णिम सपने पूरे करने
हुई बुजुर्गों से भी दूरी
हमें प्रसन्न व्यस्त रखने को
कम्प्यूटर की गुड़िया ला दी
मिला नहीं ममतालू आँचल
आया ने हमको पाला है
वृद्धों का आशीष न पाया
अपनी मस्ती पर ताला है
कोमल मन, सुकुमार हृदय पर
जड़ा नियंत्रण है फौलादी
शिशु मन पर वात्सल्य बड़ों का
अब तक खुशबू सा अंकित है
किन्तु प्रथम आने की तृष्णा
प्रतिपल करती आतंकित है
नई फसल को उन्नत करने
क्यों जहरीली खाद मिला दी
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© आचार्य भगवत दुबे
82, पी एन्ड टी कॉलोनी, जसूजा सिटी, पोस्ट गढ़ा, जबलपुर, मध्य प्रदेश
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈