(प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी के साप्ताहिक स्तम्भ – “विवेक साहित्य ”  में हम श्री विवेक जी की चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र जी, मुख्यअभियंता सिविल  (म प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी , जबलपुर ) से सेवानिवृत्त हैं। तकनीकी पृष्ठभूमि के साथ ही उन्हें साहित्यिक अभिरुचि विरासत में मिली है। आपको वैचारिक व सामाजिक लेखन हेतु अनेक पुरस्कारो से सम्मानित किया जा चुका है।आज प्रस्तुत है एक आलेखजी २० – वन अर्थ, वन फैमली, वन फ्यूचर

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – विवेक सहित्य # 219 ☆  

? आलेख – जी २० – वन अर्थ, वन फैमली, वन फ्यूचर?

आज विश्व को ग्लोबल विलेज कहा जाता है, क्योंकि सभी देश एक दूसरे पर किसी न किसी तरह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निर्भर हैं. दुनियां में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त १९३ देश हैं. संयुक्त राष्ट्र संघ सबसे बड़ा संगठन है. वैश्विक राजनीती में राष्ट्रों के बीच परस्पर प्रभाव बढ़ाने के लिये आज केवल युद्ध ही साधन नहीं होते. विभिन्न देश अपना व्यापार और प्रभुत्व बढ़ाने के लिये, तथा क्षेत्रीय स्तर पर स्वयं को मजबूत करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय संधियां करते हैं. कूटनीति, विदेश नीति, शह और मात के परदे के पीछे के खेल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निरंतर चलते रहते हैं. विभिन्न देश अलग अलग उद्देश्यों से परस्पर गठबंधन करते हैं. इस तरह राष्ट्रों के अंतर्राष्ट्रीय समूह बनते हैं. ये सामूहिक प्लेटफार्म सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देते हैं. दुनियां में संयुक्त राष्ट्र संघ के सिवाय कामन वेल्थ उन ५४ देशो का संगठन है जहां ब्रिटिश साम्राज्य रह चुका है, नाटो, यूरोपीय संघ, एमनेस्टी इंटरनेशनल, ओपेक, इंटरपोल, विश्व बैंक, गुट निरपेक्ष आंदोलन, आसियान , जी८, जी १५, ब्रिक्स, सार्क, आदि आदि ढ़ेरों इसी तरह के संगठन हैं. बदलते परिप्रेक्ष्य में अनेक संगठनो में नये सदस्य जुड़ते रहते हैं. वैश्विक राजनीति के चलते अनेक संगठन समय के साथ गौण भी हो जाते हैं. वर्तमान में लगभग सौ अंतर्राष्ट्रीय संगठन विभिन्न मुद्दों को लेकर कई देशों के बीच सक्रिय हैं. जी20 विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले देशो का सबसे सक्रिय संगठन है. इन देशों के वित्त मंत्रियों और भागीदार राष्ट्रों के सेंट्रल बैंक के गवर्नर्स का यह समूह जी20 के रूप में जाना जाता है. जी २० में 19 देश क्रमशः अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैँ. इस तरह अमेरिका और रूस दोनो महाशक्तियां, चीन, फ्रांस, इंगलैंड सहित यह अत्यंत प्रभावी संगठन है. स्पेन जी २० का स्थाई अतिथि देश है. जी20 के मेहमानों में आसियान देशों के अध्यक्ष, दो अफ्रीकी देश और एक या अधिक पड़ोसी राष्ट्र को आयोजक देश द्वारा आमंत्रित किया जाता है.

१९९९ में एशियाई वित्तीय संकट और मंदी के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में जी २० की स्थापना गई थी. वसुधैव कुटुम्बकम्, की मूल भावना से वन अर्थ, वन फेमली, वन फ्यूचर के ध्येय को उद्देश्य बनाकर यह संगठन प्रभावी कार्य कर रहा है. वर्तमान परमाणु युग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्पेस टेक्नालाजी, के परिवेश में सारी दुनिया एक परिवार ही है तथा सबका भविष्य परस्पर व्यवहार पर निर्भर है. वर्ष १९९९ से वर्ष २००७ तक यह समूह वित्त मंत्रियों के मंच के रूप में ही रहा पर २००७ के वैश्विक आर्थिक संकट के कारण जी २० को राष्ट्राध्यक्षों के परस्पर चर्चा के मंच के रूप में प्रोन्नत किया गया.

२००९ में लंदन शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हुआ जब विश्व द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे विकट आर्थिक संकट का सामना कर रहा था. लंदन शिखर सम्मेलन का उद्देश्य विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के नेताओं को एक साथ लाना था ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने तथा आर्थिक बहाली सुनिश्चित करने और नौकरियों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक सामूहिक कार्रवाई की जा सके. नेताओं को अनेक अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करना पड़ा. गंभीर मंदी को रोकना और अल्पावधि में विकास को बहाल करना, साथ ही वित्तीय प्रणाली को पुनर्स्थापित करना, विश्व व्यापार प्रणाली को संरक्षित करना तथा स्थायी आर्थिक बहाली के लिए बुनियाद रखना. शिखर सम्मेलन में वास्तविक कार्रवाई पर सहमति हुई जिसके तहत नेताओं ने विश्वास, विकास और नौकरियों को बहाल करने, वित्तीय पर्यवेक्षण को सुदृढ़ करने,इस संकट को दूर करने और भावी संकटों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों का वित्तपोषण करने और उनमें सुधार करने, पर निर्णायक कदम उठाये. तब से लगातार हर बार समावेशित वैश्विक विकास में जी २० शिखर सम्मेलन महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है.

चूंकि यह समूह प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले देशो का संगठन है इसलिये इसकी चर्चाओ में वित्त मंत्रियों, विदेश मंत्रियों, राष्ट्र प्रमुखों की बड़ी भूमिका होती है एवं उनके शिखर सम्मेलन आयोजित किये जाते हैं. शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष समूह के देशो की क्रमिक अध्यक्षता में आयोजित किया जाता है. इस तरह से बारी बारी सभी देश अध्यक्षता और मेजबानी करते हैं. शुरुआत में जी २० व्यापक आर्थिक मुद्दों तक केंद्रित था, परंतु बाद में इसके एजेंडे में विस्तार करते हुए इसमें अन्य बातों के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार एवं आतंक के विरोध को भी शामिल किया गया है. वर्तमान जी २० सदस्य देशों की आबादी विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी है. इसलिये जी २० को दुनियां बहुत महत्व देती है. वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 85%, और वैश्विक व्यापार में 75% से अधिक जी २० देशों की हिस्सेदारी है. जी २० समूह का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है. इसका संचालन त्रयी सिद्धांत पर आधारित है – पिछला, वर्तमान और आने वाला अध्यक्ष देश समूह का संचालन करता है. वर्ष २०२३ भारत की अध्यक्षता का साल है. पिछला निवर्तमान अध्यक्ष इंडोनेशिया था और आगामी अध्यक्ष ब्राजील होंगा अतः ये तीन राष्ट्र वर्तमान में बड़ी भूमिका में हैं. १७ वें जी-२० शिखर सम्मेलन का आयोजन 9-10 सितंबर 2023 को दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न होगा.

अगुवाई के अवसर तो सभी राष्ट्रो को मिलते हैं किन्तु कौन कितनी जबाबदेही से अध्यक्षता के कर्तव्य को निभाता है, तथा उससे वैश्विक कल्याण के क्या रास्ते खोजता है यह उस देश के नेतृत्व पर निर्भर होता है. हम जी २० की अध्यक्षता का निर्वाह भारत के व्यापक हित में और समूह के हित में बड़ी कुशलता से कर रहे हैं. काश्मीर सहित सारे भारत के अनेक नगरों में जी २० के अलग अलग समूहों की बैठके आयोजित की जा रही हैं. इससे भारत की बहुआयामी संस्कृति से विश्व परिचित हो रहा है. पुणे में जी २० समूह के शिक्षा मंत्रियों की बैठक, गोवा , काश्मीर, महाबालिपुरम,वाराणसी, नई दिल्ली, बेंगलोर, लखनऊ, जोधपुर, गुवहाटी, कच्छ, कोलकाता, चंडीगढ़, तिरुअनंतपुरम, मुम्बई, उदयपुर, ॠषिकेश आदि स्थानो में विभिन्न समूहों की बैठकें हुई हैं. मध्यप्रदेश में भी खजुराहो में संस्कृति ग्रुप तथा इंदौर में जी २० के कृषि विषयक समूह की बैठक संपन्न हुई है. जी २० में गम्भीर चिंतन, सहयोग, सामूहिक वैश्विक हित के निर्णय दुनिया की बेहतरी के लिये दूरगामी परिणाम अवश्य लायेंगे. विश्व राजनीति में यह समय बहुत महत्वपूर्ण है. भारत को विटो पावर की मांग, विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत को तीसरे स्थान पर लाना, हमारे लक्ष्य हैं. यूक्रेन युद्ध, कोरोना के बाद से अनेक देशो की ठप्प होती इकानामी, बढ़ती आबादी, पर्यावरण जैसे अनेक मुद्दों पर दुनियां भारत को तथा जी २० को बड़ी आशा से देख रही है. ऐसे समय में जी २० भारतीय नेतृत्व में दुनियां के लिये विकास के नये मार्ग तैयार रहा है तथा जी २० की वैश्विक प्रासंगिकता बढ़ रही है.

© विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ 

ए 233, ओल्ड मिनाल रेजीडेंसी भोपाल 462023

मोब 7000375798

ईमेल [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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