श्री आशीष कुमार
(युवा साहित्यकार श्री आशीष कुमार ने जीवन में साहित्यिक यात्रा के साथ एक लंबी रहस्यमयी यात्रा तय की है। उन्होंने भारतीय दर्शन से परे हिंदू दर्शन, विज्ञान और भौतिक क्षेत्रों से परे सफलता की खोज और उस पर गहन शोध किया है। अब प्रत्येक शनिवार आप पढ़ सकेंगे उनके स्थायी स्तम्भ “आशीष साहित्य”में उनकी पुस्तक पूर्ण विनाशक के महत्वपूर्ण अध्याय। इस कड़ी में आज प्रस्तुत है “जीव विज्ञान”।)
Amazon Link – Purn Vinashak
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – ☆ आशीष साहित्य – # 25 ☆
☆ जीव विज्ञान ☆
मुझे लगता है कि आप सभी जानते होंगे कि हमारा शरीर अरबों कोशिकाओं से बना है, और शरीर की कोशिकाएँ हर पल बदलती रहती है कोशिकाओं का बदलाव ही उम्र के बढ़ने का कारण है। यदि शरीर की कोशिकाएँ नहीं बदलती हैं, तो हम बूढ़े नहीं होंगे।जीवद्रव्य, पुरस या प्रोटोप्लाज्म कोशिका की जीवित सामग्री होता है जो प्लाज्मा झिल्ली से घिरा होता है। जीवद्रव्य आयनों, एमिनो अम्लों, मोनोसैक्राइड और पानी जैसे छोटे अणुओं और नाभिकीय अम्ल, प्रोटीन, लिपिड और पॉलीसैकराइड जैसे बड़े अणुओं (macromolecules) के मिश्रण से बना होता है। सुकेंद्रिक या युकेरियोट (eukaryote) एक ऐसे जीव को कहा जाता है जिसकी कोशिकाओं (सेल) में झिल्लियों में बंद जटिल ढाँचे हों। सुकेंद्रिक और अकेंद्रिक (प्रोकेरियोट) कोशिकाओं में सबसे बड़ा अंतर यह होता है कि सुकेंद्रिक कोशिकाओं में एक झिल्ली से घिरा हुआ केन्द्रक (न्यूक्लियस) होता है जिसके अन्दर आनुवंशिक (जेनेटिक) सामान होता है।
प्रोटोप्लाज्म दो रूपों में पाया जाता था, एक तरल जैसा ठोस रूप या दूसरा लप्सी/जेली जैसी चिपचिपा घोल” कोशिकाओं (Cell) सजीवों के शरीर की रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है और प्राय: स्वत: जनन की सामर्थ्य रखती है। यह विभिन्न पदार्थों का वह छोटे-से-छोटा संगठित रूप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें सामूहिक रूप से हम जीवन कहतें हैं। ‘कोशिका’ का अंग्रेजी शब्द सेल (Cell) लैटिन भाषा के ‘शेलुला’ शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ ‘एक छोटा कमरा’ है। कुछ सजीव जैसे जीवाणुओं के शरीर एक ही कोशिका से बने होते हैं, उन्हें एककोशकीय जीव कहते हैं जबकि कुछ सजीव जैसे मनुष्य का शरीर अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है उन्हें बहुकोशकीय सजीव कहते हैं। सजीवों की सभी जैविक क्रियाएँ कोशिकाओं के भीतर होती हैं। कोशिकाओं के भीतर ही आवश्यक आनुवांशिक सूचनाएँ होती हैं जिनसे कोशिका के कार्यों का नियंत्रण होता है तथा सूचनाएँ अगली पीढ़ी की कोशिकाओं में स्थानान्तरित होती हैं।
© आशीष कुमार