डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं “भावना के दोहे…”।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 194 – साहित्य निकुंज ☆
🌹 भावना के दोहे 🤝
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मन भर की बातें करें, मिल बैठें हम साथ।
मिलजुल कर आगे बढ़े, लिए हाथ में हाथ।।
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सुख -दुख अपना बाँटकर, आगे करें हम काम।
बढ़ना है आगे हमें, हो ना जाए नाम।।
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सब कुछ तुमसे कह दिया, तुम हो मेरे मित्र।
जो कुछ तुमने ही कहा, उभरा मन में चित्र।।
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आज मिले हो तुम यहां, मिलते रहना जान।
दोस्तों से जीवन में, आती है मुस्कान।।
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© डॉ भावना शुक्ल
सहसंपादक… प्राची
प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120, नोएडा (यू.पी )- 201307
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≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈