श्री संतोष नेमा “संतोष”
(आदरणीय श्री संतोष नेमा जी कवितायें, व्यंग्य, गजल, दोहे, मुक्तक आदि विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर हैं. धार्मिक एवं सामाजिक संस्कार आपको विरासत में मिले हैं. आपके पिताजी स्वर्गीय देवी चरण नेमा जी ने कई भजन और आरतियाँ लिखीं थीं, जिनका प्रकाशन भी हुआ है. आप डाक विभाग से सेवानिवृत्त हैं. आपकी रचनाएँ राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशित होती रहती हैं। आप कई सम्मानों / पुरस्कारों से सम्मानित/अलंकृत हैं. “साप्ताहिक स्तम्भ – इंद्रधनुष” की अगली कड़ी में आज प्रस्तुत है संतोष के दोहे – “सफल सोम अभियान”. आप श्री संतोष नेमा जी की रचनाएँ प्रत्येक शुक्रवार आत्मसात कर सकते हैं।)
☆ साहित्यिक स्तम्भ – इंद्रधनुष # 182 ☆
☆ संतोष के दोहे – “सफल सोम अभियान” ☆ श्री संतोष नेमा ☆
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जय जय जय माँ भारती, धन्य धन्य विज्ञान
उतरा लेंडर चाँद पर, सफल सोम अभियान
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एक नया इतिहास रच, खूब बढ़ाया मान
दुनिया में सब कर रहे, भारत का गुणगान
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भारत की सरकार ने, खूब बढ़ाया जोश
देकर वांछित धन उन्हें, लेकर निर्णय ठोस
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चंद्रयान की सिद्धि अब, बढ़ा रही विस्वास
नया मिशन आदित्य का, जगा रहा नव आस
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इसरो की अब विश्व में, अलग बनी पहचान
उसके अथक प्रयास से, सफल कई अभियान
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भू-बन्धन स्वीकार कर, रखी बहिन की लाज
रक्षाबंधन पर सभी, बहुत करें हम नाज़
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भेज रहा है चांद से, तस्वीरें प्रज्ञान
खनिज,गैस भंडार के, नित्य नए संधान।।
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दक्षिण ध्रुव पर चाँद भी, ताक रहा था राह
नीरसता भी दूर हो, ऐसी उसकी चाह
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कहते मोदी आजकल, चाँद न हमसे दूर
हुआ सिमटकर फासला, इसका बस इक टूर
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इस दुनिया को था नहीं, भारत पर विश्वास
नतमस्तक है आज वह, देख नया इतिहास
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चूम रहा है चंद्र-मुख, अपना भारत देश
गर्वित है संतोष भी, देख नया परिवेश
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© संतोष कुमार नेमा “संतोष”
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