डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं आपकी माताश्री डॉ गायत्री तिवारी जी के लिए आपकी शब्दांजलि।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ # 198 – साहित्य निकुंज ☆
☆ स्मृति शेष डॉ गायत्री तिवारी विशेष – दो कविताएं [1] शतरुपा माँ [2] यादें – डॉ भावना शुक्ल ☆
(8 सितंबर पूज्य माँ डॉ गायत्री तिवारी की पुण्य तिथि पर विशेष)
[1]
💐 शतरुपा माँ 💐
माँ तुम हो
शक्ति स्वरूपा
गायत्री रूपा
तुममें है भक्ति अपार
तुम जन्मदात्री हो
तुमसे है संसार
माँ तेरे आँचल में हैं सारे सपने
माँ तू है तो सब कुछ
तू नहीं तो
बेगाने लगते हैं अपने
तेरे न रहने का एहसास
दिखता है आसपास
खो गए हैं मेरे अपने
तेरे आँचल में समा गए हैं मेरे सपने….
माँ अपने दिल में पाती
बेटी की धड़कन
बेटी के लिए है माँ गले का हार
हर एक त्यौहार
बेटी में बसती है।
माँ करती है सब कुछ कुर्बान।
[2]
💐 यादें 💐
माँ की
अंतस में बसी यादें
पुकारती हैं
कसमसाती है
बुलाती है
माँ को…
बस एक बार तो आ जाओ तुमसे कुछ कहना है
बिना कहीं
बिना सुने
कहां चली गई माँ
बस एक बार आ जाओ
हम सबकी मुस्कुराहटें लाओ
इतनी जल्दी क्या थी जाने की जीवन से रूठ जाने की
क्या दुख था ?
केवल सुख था
पिता का प्रतिष्ठित रूप
था आपके अनुरूप
कुछ समय रुक जाती
सुख के क्षणों को और जी लेती
माँ बस एक बार तो आ जाओ।।
☆
© डॉ भावना शुक्ल
सहसंपादक… प्राची
प्रतीक लॉरेल, J-1504, नोएडा सेक्टर – 120, नोएडा (यू.पी )- 201307
मोब. 9278720311 ईमेल : [email protected]
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈