(प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी के साप्ताहिक स्तम्भ – “विवेक साहित्य ”  में हम श्री विवेक जी की चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र जी, मुख्यअभियंता सिविल  (म प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी , जबलपुर ) से सेवानिवृत्त हैं। तकनीकी पृष्ठभूमि के साथ ही उन्हें साहित्यिक अभिरुचि विरासत में मिली है। आपको वैचारिक व सामाजिक लेखन हेतु अनेक पुरस्कारो से सम्मानित किया जा चुका है।आज प्रस्तुत है एक आलेख   – जीवन एक सचित्र सीढ़ी)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – विवेक सहित्य # 230 ☆

? आलेख – जीवन एक सचित्र सीढ़ी… ?

जीवन की सुंदर सचित्र सीढ़ी का प्रत्येक चरण एक नए अध्याय का प्रतिनिधित्व करती है।जैसे-जैसे आप ऊपर उठते हैं, आप कल की कहानियाँ पीछे छोड़ देते हैं, और प्रत्येक नए कदम के साथ, आप आने वाले कल की इबारत लिखते हैं।

उद्देश्य की ओर पहला कदम आशा और जिज्ञासा से भरी आपकी यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है।जब आपने सपने देखने का साहस किया और अज्ञात जोखिम उठाया।

दूसरा चरण विकास और सीखने का प्रतिनिधित्व करता है।सूरज की ओर बढ़ते एक युवा अंकुर की तरह, आप ज्ञान, बुद्धिमत्ता और अनुभव संजोते हैं।

तीसरा चरण रिश्तों और संबंधों का होता है।यह वह जगह है जहां आप ऐसे लोगों से मिलते हैं जो आपकी कहानी को आकार देते हैं, आपकी कहानी में पात्रों का निर्माण करते हैं।बिना टीम के बड़े लक्ष्य पाना संभव नहीं होता।

चौथा चरण रचनात्मकता और अभिव्यक्ति का है।यहां, आप अपने जीवन के कैनवास को अपने जुनून और प्रतिभा के जीवंत रंगों से अपने तरीके से रंगते हैं।

अगला चरण प्रेम का चरण है।यह वह जगह है जहां आप उन गहन भावनाओं का अनुभव करते हैं जो जीवन को वास्तव में सार्थक बनाती हैं।यह अन्वेषण और रोमांच के बारे में है।यह वह जगह है जहां आप अपने आराम क्षेत्र से परे यात्रा करते हैं, नए क्षितिज और संस्कृतियों की खोज करते हैं।

फिर जीवन की चुनौतियों और सफलताओं के उतार-चढ़ाव का समय चित्र अगला पायदान दर्शाता है।कभी आप चढ़ते हैं, कभी लड़खड़ाते हैं, लेकिन आप आगे बढ़ते रहते हैं।

उपलब्धि पूर्णता का प्रतीक है।यह वह जगह है जहां आप अपने लक्ष्यों तक पहुंचने की संतुष्टि का आनंद लेते हैं।

सफलता की सिद्धि के चरण कृतज्ञता परिचायक चित्र होते है।यह वह जगह है जहां आप यात्रा की सराहना करने, सीखे गए आशीर्वाद और सबक को स्वीकार करने के लिए रुकते हैं।

दसवां चरण भविष्य के लिए आपकी आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है।यह वह जगह है जहां आप सितारों को लक्ष्य करते हुए अपने सपनों को अनंत ब्रह्मांड में देखते हैं।

और इस सीढ़ी के शीर्ष पर, आपको एक चमकीला सितारा मिलता है, जो ब्रह्मांड में आपके अद्वितीय स्थान का प्रतीक है।यह एक अनुस्मारक है कि आपकी कहानी, चरण दर चरण लिखी गई, अस्तित्व की भव्य टेपेस्ट्री में एक तारामंडल है।

इस विचारशील सचित्र सीढ़ी पर आपकी यात्रा आश्चर्य, उद्देश्य और अटूट विश्वास से भरी हो कि हर कदम आपकी खूबसूरत कहानी का एक हिस्सा है।

© विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ 

ए 233, ओल्ड मिनाल रेजीडेंसी भोपाल 462023

मोब 7000375798

ईमेल [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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